Muslim Population Increased In India: भारत में 43% बढ़ी मुसलमानों की आबादी, तेजी से घट रही हिंदुओं की आबादी

Muslim Population Increased In India: भारत में मुस्लिम और हिंदू जनसंख्या को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। प्रधानमंत्री आर्थिक सलाहकार परिषद (EAC-PM) की रिपोर्ट के मुताबिक मुस्लिमों की संख्या में रिकार्ड बढ़ोतरी हुई है वहीं हिंदूओं की जनसंख्या घट गई है।

पीएम आर्थिक सलाहकार परिषद की रिपोर्ट में खुलासा – Muslim Population Increased In India

Muslim Population Increased In India: उज्जवल प्रदेश, नई दिल्ली. मुस्लिमों की आबादी को लेकर राजनीतिक गलियारों में भले ही आरोप प्रत्यारोप का दौर चलता रहता है लेकिन प्रधानमंत्री आर्थिक सलाहकार परिषद (EAC-PM) ने विश्लेषण में मुस्लिम आबादी को लेकर बड़ा खुलासा किया है। भारत में 1950 से 2015 के बीच हिंदुओं की आबादी 7.82 फीसद घट गई। वहीं इसी बीच मुसलमानों की आबादी में 43.15 फीसद बढ़ोतरी दर्ज की गई। हिंदुओं की आबादी घटने का सिलसिला पड़ोसी हिंदू बहुल नेपाल में देखने को मिला है। साथ ही म्यांमार में भी बहुसंख्यक बौद्धों की आबादी में गिरावट आई है।

अधिकांश मुस्लिम बहुसंख्यक देश में मुस्लिम आबादी में बढ़ोतरी हुई

इसके विपरीत पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में वहां की बहुसंख्यक आबादी मुसलमानों की संख्या बढ़ गई और अल्पसंख्यकों की संख्या सिमट गई। प्रधानमंत्री के आर्थिक सलाहकार परिषद ने अपनी ताजा रिपोर्ट में यह खुलासा किया है। रिपोर्ट के अनुसार दुनिया के अधिकांश मुस्लिम बहुसंख्यक देश में मुस्लिम आबादी में बढ़ोतरी हुई है, वहीं हिंदू, ईसाई व अन्य धर्म बहुल देशों में बहुसंख्यक आबादी में कमी आई है।

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Muslim Population Increased In India: प्रधानमंत्री के आर्थिक सलाहकार परिषद ने दुनिया के 167 देशों में 1950 से 2015 के बीच आए जनसांख्यिकी बदलाव का अध्ययन किया है। परिषद ने इसी महीने यह रिपोर्ट जारी की है। इन देशों में बहुसंख्यक उन्हें माना गया है, जिनकी आबादी 75 फीसद से अधिक है।

मुस्लिम बहुल 38 देशों में मुस्लिम आबादी बढ़ी

रिपोर्ट के अनुसार इन देशों में 65 सालों में बहुसंख्यकों की आबादी में 22 फीसद की कमी आई है। लेकिन यह सिलसिला मुस्लिम बहुसंख्यक देशों पर लागू नहीं होता है। मुस्लिम बहुल 38 देशों में मुस्लिम आबादी बढ़ी है। रिपोर्ट का उद्देश्य किसी देश की जनसांख्यिकी परिवर्तन का वहां की लोकतांत्रिक प्रक्रिया और शासन प्रणाली पर पड़ने वाले असर का आकलन है।

बांग्लादेश में बढ़े 18 फीसदी मुस्लिम – Muslim Population Increased In India

रिपोर्ट के मुताबिक बांग्लादेश में सबसे ज्यादा मुस्लिम बढ़े हैं। यह संख्या 18 फीसदी है। भारतीय भारतीय उपमहाद्वीप में सबसे बड़ा आंकड़ा है। इसके दो कारण हैं एक तो धर्म परिवर्तन और दूसरा गर्भनिरोधक तंतुओं का विरोध। पाकिस्तान से बांग्लादेश के अलग होने के बावजूद यहां बहुसंख्यक धार्मिक संप्रदाय (हनफी मुस्लिम) की हिस्सेदारी में 3.75 प्रतिशत और कुल मुस्लिम आबादी की हिस्सेदारी में 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। श्रीलंका और भूटान में भी बहुसंख्यक धार्मिक संप्रदाय की हिस्सेदारी बढ़ी है।

बौद्ध आबादी में भी आई गिरावट

दक्षिण एशियाई देशों में 65 साल में आए जनसांख्यिकी परिवर्तन की तस्वीर पेश करते हुए रिपोर्ट में कहा गया है कि म्यांमार में बहुसंख्यक बौद्ध आबादी 78.53 फीसद से घटकर 70.80 फीसद रह गई है। जबकि श्रीलंका में बहुसंख्यक बौद्धों की आबादी में 64.28 से बढ़कर 67.65 फीसद हो गई है। श्रीलंका की तरह ही भूटान में भी बौद्धों की आबादी में जबरदस्त इजाफा हुआ है और यह 71.44 फीसद से बढ़कर 84.07 फीसद पहुंच गई।

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जबकि भारत में हिंदू आबादी में कमी का सिलसिला नेपाल में भी देखा गया और वहां हिंदुओं की संख्या 84.30 फीसद से घटकर 81.26 फीसद तक पहुंच गई। भारत में मुसलमानों के साथ ही ईसाई और सिख अल्पसंख्यक की आबादी में क्रमश: 5.38 फीसद और 6.58 फीसद की बढ़ोतरी हुई है।

पारसी और जैन अल्पसंख्यक आबादी में भी आई गिरावट

वहीं पारसी और जैन अल्पसंख्यक आबादी में कमी दर्ज की गई। पड़ोसी पाकिस्तान में 1950 में 77.45 फीसद मुस्लिम आबादी थी, जो 2015 में बढ़कर 80.36 फीसद पहुंच गई। मुस्लिम आबादी में सबसे तेज बढ़ोतरी बांग्लादेश में देखने को मिली, दो 65 सालों में 74.24 से बढ़कर 88.02 फीसद तक पहुंच गई।

अफगानिस्तान में भी मुस्लिम आबादी 88.75 फीसद से बढ़कर 89.01 फीसद पहुंच गई। दक्षिण एशिया में अकेले मालदीव में मुस्लिम आबादी में मामूली गिरावट दर्ज की गई है, जो 99.83 फीसद से घटकर 98.36 फीसद पर आ गई है।

पैदा करें कम से कम 5 बच्चे: सिखों से संस्था की अपील

सिख संस्था दमदमी टकसाल के मुखी ज्ञानी हरनाम सिंह खालसा ने सिखों से अपील की है कि वे ज्यादा बच्चे पैदा करें। उन्होंने एक सार्वजनिक सभा में पंजाबियों और खासतौर पर सिखों से ज्यादा बच्चे पैदा करने की अपील की। उन्होंने कहा कि कम से कम 5 बच्चे पैदा करने चाहिए। उन्होंने कहा कि बच्चों की संख्या अधिक होने से पारिवारिक मूल्यों को बचाए रखने में मदद मिलेगी। इसके अलावा समाज भी मजबूत होगा। दमदमी टकसाल का नेतृत्व खालिस्तानी जरनैल सिंह भिंडरावाले ने भी किया था। हरनाम सिंह खालसा ने कहा कि यदि किसी को अपने ज्यादा बच्चे पालने में समस्या आती है और आर्थिक संकट है तो उसके लिए भी संस्था मदद करेगी।

दमदमी टकसाल के 16वें प्रमुख ने कहा कि सिख परिवारों को कम से कम 5 बच्चे पैदा करने का लक्ष्य रखना चाहिए। इससे पंजाब को धार्मिक, सामाजिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक तौर पर मजबूत बनाने में मदद मिलेगी। यही नहीं उन्होंने कहा कि सिखों ही नहीं बल्कि पंजाब में रहने वाले अन्य समुदाय के लोगों को भी कम से कम बच्चे करने चाहिए। हरनाम सिंह खालसा ने कहा, ‘आप सभी के 5-5 बच्चे होने चाहिए। अभी समय है और यदि यह निकल गया तो फिर आप लोग पछताएंगे।’ खालसा ने कहा कि यदि आप उन्हें पाल नहीं सकते तो एक को अपने पास रख लीजिए और 4 मुझे दे दीजिए।

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