कृषि वैज्ञानिकों ने तैयार किया तरल जैविक कल्चर
रायपुर
गौथानों में निर्मित जैविक खाद/वर्मी कमपोस्ट में पोषक तत्वो की मात्रा प्राकृतिक रूप से बढ़ाने एव रासायनिक उर्वरक की निर्भरता कम करने की दृष्टि से इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय एवं छत्तीसगढ बायोटेक्नालॉजी प्रमोशन सोसायटी के संयुक्त प्रयास से प्रभावी मित्र सूक्ष्म जीवों युक्त उर्वरा शक्ति नामक तरल जैविक कल्चर तैयार किया गया है, जिसके उपयोग से मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार होगा व पोषक तत्व की मात्रा बढ़ेगी और साथ ही रासायनिक खाद की आवश्यकता में कमी आयेगी।
इस प्रकार उक्त कल्चर के उपयोग की प्रशिक्षण देने के लिए ्य1द्म रायपुर के साथ मिलकर गौथानों में कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें स्॥त्र दीदी को प्रशिक्षण दिया गया जो कि आगे चलकर इसका उपयोग व प्रसार करेगी। इस उर्वरा शक्ति तरल जैविक कल्चर का लॉन्चिंग एव वितरण अक्ति तिहार में किया जाना है। रायपुर जिले के आरंग ब्लॉक में गोविंदा और वन चरोदा स्थित गोठानों में गोठान समितियों के सदस्यों को कंपोस्ट को जैव उर्वरकों के द्वारा समृद्ध बनाने का प्रशिक्षण दिया।