NIA कोर्ट ने मुंबई कोर्ट से 26/11 हमलों का मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा की केस रिकॉर्ड मांगी, दिल्ली में चल सकता हैं केस

NIA: मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा पर दिल्ली में केस चलाया जा सकता है। क्यूंकि दिल्ली की पटिलाया हाउस कोर्ट में मौजूद एनआईए अदालत ने मुंबई के ट्रायल कोर्ट से केस रिकॉर्ड तलब किया है।

NIA: उज्जवल प्रदेश, नई दिल्ली. 2008 में हुए मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा पर दिल्ली में केस चलाया जा सकता है। इस संभावना को बल इस वजह से मिल रहा है, क्योंकि दिल्ली की पटिलाया हाउस कोर्ट में मौजूद एनआईए अदालत ने मुंबई के ट्रायल कोर्ट से केस रिकॉर्ड तलब किया है। 26/11 हमले को लेकर दिल्ली और मुंबई में केस के रिकॉर्ड मौजूद थे, जिन्हें पहले मुंबई भेजा गया था। क्योंकि दोनों शहरों में इस पर सुनवाई हो रही थी। लेकिन हाल ही में एनआईए ने अदालत में अर्जी दाखिल कर मुंबई की निचली अदालत से केस रिकॉर्ड यहां तलब करने की अपील की थी।

ट्रंप ने किया था प्रत्यर्पण का एलान

डोनाल्ड ट्रंप द्वारा अमेरिका के राष्ट्रपति पद का कार्यभार संभालने के बाद पीएम मोदी दो दिवसीय अमेरिका दौरे पर गए थे। इस दौरान दोनों की मुलाकात के बीच तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण पर चर्चा हुई थी और तब ट्रंप ने एलान किया था कि प्रशासन ने तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी है। तहव्वुर राणा पाकिस्तानी मूल का कनाडाई नागरिक है, जिसे 2008 में मुंबई में हुए आतंकी हमले का मास्टरमाइंड माना जाता है। वह पाकिस्तानी सेना में बतौर डॉक्टर काम कर चुका है। 2009 में एफबीआई ने उसे गिरफ्तार कर लिया था। जनवरी 2025 में अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने उसके प्रत्यर्पण की इजाजत दे दी थी।

हेडली ने किया था खुलासा

26/11 हमले के मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक पाकिस्तानी-अमेरिकी डेविड कोलमैन हेडली ने खुलासा किया था कि उसने 2007 और 2008 के बीच पांच बार भारत की यात्रा की थी और हमलों के लिए मुंबई में संभावित लक्ष्यों की रेकी की थी।

राणा के खिलाफ गवाही देते हुए, हेडली ने कहा था कि उसने पांच साल के वीजा का उपयोग करके भारत का दौरा किया था, जिसे प्राप्त करने में उसके सह-साजिशकर्ता ने उसकी मदद की थी। हेडली ने यह भी खुलासा किया था कि राणा ने पहचान छिपाने के लिए एक इमीग्रेशन कंपनी स्थापित करने में उसकी सहायता की थी।

डोनाल्ड ट्रंप के एलान के बाद राणा ने अमेरिका की सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू पेटीशन फाइल की थी, जिसे अदालत ने खारिज कर दिया था। बताया जा रहा है कि उसने मानवीय आधार पर अंतिम अपील दायर की है, जिससे उसके प्रत्यर्पण में कुछ सप्ताह की देरी हो सकती है।

 

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