पूर्वोत्तर राज्यों को औद्योगिक रणनीतियों पर ध्यान देने की आवश्यकता: Economic Survey

Economic Survey: नागरिकों की उच्च आय के लिए राज्यों को लागू करने चाहिए व्यावसायिक सुधार, गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक और तमिलनाडु की देश के कुल इंडस्ट्रीयल ग्रॉस स्टेट वैल्यू एडेड (जीएसवीए) में करीब 43 प्रतिशत की हिस्सेदारी।

Economic Survey: उज्जवल प्रदेश, नई दिल्ली। आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 में शुक्रवार को कहा गया कि राज्यों को औद्योगिक या सेवा क्षेत्रों में वृद्धि हासिल करने के लिए प्राथमिकता के आधार पर व्यावसायिक सुधारों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।

आर्थिक सर्वेक्षण (Economic Survey) में बताया गया कि गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक और तमिलनाडु की देश के कुल इंडस्ट्रीयल ग्रॉस स्टेट वैल्यू एडेड (जीएसवीए) में हिस्सेदारी 43 प्रतिशत के करीब है।

वहीं, सिक्किम और असम को छोड़कर छह पूर्वोत्तर राज्यों की कुल जीवीए में हिस्सेदारी 0.7 प्रतिशत है।

सर्वेक्षण (Economic Survey) में बताया गया, पूर्वोत्तर राज्यों जैसे यूनिक भौगोलिक क्षेत्रों के लिए उपयुक्त औद्योगिक रणनीतियों पर ध्यान देने की आवश्यकता है।

औद्योगीकरण की डिग्री में स्पष्ट पैटर्न हैं कि गुजरात, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश जैसे कुछ राज्य अपने लोगों के लिए उचित स्तर की आय उत्पन्न करने के लिए औद्योगिक क्षेत्रों (Economic Survey) पर अपनी उच्च निर्भरता को भुनाने में सफल हुए हैं।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा संसद में पेश किए गए आर्थिक सर्वेक्षण (Economic Survey) में कहा गया कि औद्योगिकीकरण की डिग्री अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग होती है। कुछ राज्य अपनी आबादी के लिए उच्च स्तर की आय उत्पन्न करने के लिए अपने औद्योगिक क्षेत्रों का लाभ उठाने के लिए बेहतर स्थिति में होते हैं।

सर्वेक्षण में यह भी बताया गया है कि निर्माण गतिविधि, बुनियादी ढांचे के विकास, शहरीकरण और रियल एस्टेट रुझानों से निकटता से जुड़ी हुई है।

सर्वेक्षण में विश्लेषण किया गया कि खनन क्षेत्र कुल औद्योगिक उत्पादन में लगभग 8 प्रतिशत का योगदान देता है।

खनन गतिविधि शीर्ष पांच राज्यों असम, छत्तीसगढ़, गुजरात, महाराष्ट्र और ओडिशा में अत्यधिक केंद्रित है, जो सभी राज्य खनन जीएसवीए का लगभग 60 प्रतिशत है।

इसके अलावा आर्थिक सर्वेक्षण (Economic Survey) में बताया कि वित्त वर्ष 26 में देश की विकास दर 6.3-6.8 प्रतिशत के बीच रहेगी।

बजट से पहले पेश किया जाने वाला आर्थिक सर्वेक्षण (Economic Survey) काफी महत्वपूर्ण होता है। इसमें पिछले एक साल में देश की वित्तीय सेहत की स्थिति की जानकारी मिलती है। साथ ही इकोनॉमिक ट्रेंड, चुनौतियों और अवसरों के बारे में बताया जाता है।

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