PM Modi ने किया चिनाब और अंजी ब्रिज का उद्घाटन, वंदे भारत ट्रेनों को भी दिखाई हरी झंडी

PM Modi ने किया चिनाब और अंजी ब्रिज का उद्घाटन, वंदे भारत ट्रेनों को भी दिखाई हरी झंडी

PM Modi: उज्जवल प्रदेश डेस्क. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार, 6 जून को जम्मू-कश्मीर के विकास में ऐतिहासिक कदम उठाते हुए दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे पुल – चिनाब ब्रिज का उद्घाटन किया। इस मौके पर उनके साथ उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला, और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव भी उपस्थित थे। प्रधानमंत्री उधमपुर एयरफोर्स स्टेशन पहुंचने के बाद हेलिकॉप्टर से चिनाब ब्रिज के उद्घाटन स्थल के लिए रवाना हुए।

भारत के पहले केबल-स्टेड अंजी ब्रिज का भी उद्घाटन

चिनाब ब्रिज (Chenab Bridge) के बाद PM Modi ने भारत के पहले केबल-स्टेड रेलवे पुल – अंजी ब्रिज (Anji Bridge) का भी उद्घाटन किया। ये पुल जम्मू-कश्मीर की दुर्गम पर्वतीय घाटियों (valleys) को जोड़ने वाले उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेलवे लिंक (USBRL) का एक अहम हिस्सा है। प्रधानमंत्री ने इस 272 किलोमीटर लंबे रेल प्रोजेक्ट के पूरे होने के उपलक्ष्य में दो वंदे भारत ट्रेनों को भी हरी झंडी दिखाई।

Chenab Bridge

PM Modi: कटरा से संगलदान तक वंदे भारत ट्रेन सेवा शुरू

इस अवसर पर PM Modi ने कटरा से संगलदान तक चलने वाली वंदे भारत ट्रेन को रवाना किया। यह ट्रेन 7 जून 2025 से आम यात्रियों के लिए शुरू कर दी जाएगी। इस नई हाई-स्पीड ट्रेन सेवा से धार्मिक और पर्यटक स्थलों के बीच की यात्रा और भी सुविधाजनक और तेज़ हो जाएगी। यह ट्रेन श्रीनगर, कटरा, और उधमपुर जैसे महत्वपूर्ण स्टेशनों को जोड़ते हुए जम्मू-कश्मीर में कनेक्टिविटी को नए स्तर पर ले जाएगी।

Anji Bridge

USBRL: इंजीनियरिंग का चमत्कार

उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक (USBRL) को भारतीय रेलवे की सबसे चुनौतीपूर्ण और बेहतरीन परियोजनाओं में से एक माना जाता है। यह परियोजना कई टनल्स और ब्रिजेज़ के ज़रिए दुर्गम पहाड़ों को जोड़ती है। पूरी 272 किमी की दूरी में से करीब 119 किलोमीटर हिस्सा 36 सुरंगों से होकर गुजरता है। इनमें T-50 सुरंग भारत की सबसे लंबी रेलवे सुरंग है, जो इस प्रोजेक्ट को इंजीनियरिंग का अद्भुत उदाहरण बनाती है।

PM Modi Flagging Vande Bharat

PM Modi: की सुरक्षा और व्यापक तैयारियां

PM Modi की इस यात्रा को लेकर मल्टी-लेवल सिक्योरिटी व्यवस्था की गई थी। कार्यक्रम स्थल और रेल ट्रैक के आसपास सुरक्षा के विशेष इंतज़ाम किए गए थे। स्थानीय प्रशासन और रेलवे अधिकारियों ने इस ऐतिहासिक दिन को सफल बनाने के लिए व्यापक तैयारियां की थीं।

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