PMEGP: 50 लाख का ऋण लें और 35% प्रतिशत तक की पायें सब्सिडी
PMEGP: स्वरोजगार स्थापित करने के लिये केन्द्र और राज्य सरकारें जमकर ऋण बांट रही हैं। सरकार का उद्देश्य है कि स्वरोजगार स्थापित करके दूसरों को रोजगार दें और अपने राज्य का विकास करें, पलायन से दूरी बनायें।

PMEGP: उज्जवल प्रदेश डेस्क. देशभर में स्वरोजगार स्थापित करने के लिये केन्द्र और राज्य सरकारें जमकर ऋण बांट रही हैं। सरकार का उद्देश्य है कि स्वरोजगार स्थापित करके दूसरों को रोजगार दें और अपने राज्य का विकास करें, पलायन से दूरी बनायें। मालूम हो कि PMEGP के अंतर्गत स्वरोजगार स्थापित करने के लिये केन्द्र और राज्य सरकारें जमकर ऋण बांट रही हैं।
65 फीसदी पैसा ही चुकाना होगा
PMEGP के तहत अब तक जितने लोगों ने ऋण लिया है 300 करोड़ रुपये सरकार की तरफ से ऋण माफ कर दिए गए। यह आंकड़ा प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (PMEGP) की। योजना के अंतर्गत 50 लाख रुपये तक का ऋण लिया जा सकता है। बड़ी बात ये है कि इसमें 35% की सब्सिडी सरकार की तरफ से दी जाती है। मतलब आपको सिर्फ 65 फीसदी पैसा ही जमा करना होगा।
8 हजार से ज्यादा हितग्राहयों को मिला लोन
(PMEGP) के तहत इस योजना की फंडिंग खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग (KVIC) की तरफ से की जाती है। KVIC की मानें तो प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के अंतर्गत देशभर में 8,794 लाभार्थियों को 300 करोड़ रुपये से ज्यादा की सब्सिडी दी गई है।
सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय (MSME) के तहत चलने वाली इस योजना के तहत 884 करोड़ रुपये के लोन मंजूर किए जा चुके हैं। बता दें कि यह आत्मनिर्भर भारत के विचार का सार है। सबसे बड़ी बात ये है कि इस योजना ने न सिर्फ लाखों युवाओं को रोजगार दिया है बल्कि इससे स्वरोजगार के अवसर भी बढ़ रहे हैं।
देश में बनाया गया 6 जोन
इस योजना के तहत देश के सभी 6 जोन में लोन मुहैया कराया जा रहा है। प्रोजेक्ट शुरू करने के मामले में दक्षिण जोन सबसे आगे साबित हो रहा है। हालांकि सबस ज्यादा पैसा यूपी, उत्तराखंड, एमपी और छत्तीसगढ़ वाले सेंट्रल जोन में हुआ है।
27,166.07 करोड़ की सब्सिडी लाभार्थियों को दी जा चुकी है
योजना की शुरुआत साल 2008 में हुई थी, तभी से यह स्वरोजगार के अवसर पैदा करने में अहम भूमिका निभा रही है। साल 2024-25 तक इस योजना के तहत 10,18,185 माइक्रो इंटरप्राइजेज स्थापित हो चुके हैं।
सरकार की तरफ से 73,348।39 करोड़ रुपये का ऋण मंजूर किया जा चुका है, जबकि वहीं 27,166।07 करोड़ की सब्सिडी लाभार्थियों को दी गई है। अब तक देशभर में 90 लाख से ज्यादा इसके माध्यम से रोजगार हासिल कर चुके हैं।
8वीं पास को भी सरकार दे रही है मौका
सबसे बड़ी बात ये है कि प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य ये है कि ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को स्वरोजगार से जोड़ना है। इसी वजह से इसकी शर्तें बहुत ही आसान रखी गई हैं।
अगर कोई आदमी आठवीं पास भी है, तो भी वह इस योजना के लिए आवेदन कर सकता है। इसके तहत 15 से 35 फीसदी तक की सब्सिडी दी जाती है। सर्विस या बिजनेस सेक्टर में 20 लाख और उद्योग सेक्टर में 50 लाख रुपये तक का लोन इस योजना के माध्यम से लिया जा सकता है।