MP Election 2023: निष्कासित नेताओं को वापस बुलाएगी भाजपा

MP Assembly Election 2023: चुनावी साल में बीजेपी अब उन कार्यकर्ताओं को पार्टी में वापस लेगी जिन्होंने पिछले चुनाव के दौरान पार्टी के फैसलों का विरोध किया था और पार्टी ने उन्हें निष्कासित किया था।

MP Assembly Election 2023: उज्जवल प्रदेश, भोपाल. चुनावी साल में बीजेपी अब उन कार्यकर्ताओं को पार्टी में वापस लेगी जिन्होंने पिछले चुनाव के दौरान पार्टी के फैसलों का विरोध किया था और पार्टी ने उन्हें निष्कासित किया था। निष्कासन के बाद भी पार्टी लाइन में काम करने वाले ऐसे नेताओं की घर वापसी के लिए बीजेपी में प्रदेश, जिला और मंडल स्तर पर न्यू जॉइनिंग कमेटियों का गठन किया जाएगा। इसके साथ ही कमजोर परफार्मेंस वाले दस जिला अध्यक्षों और मंडल अध्यक्षों को हटाए जाने की भी तैयारी है। वहीं जिलों में खींचतान के चलते चार माह से कोर कमेटी की बैठक न कर पाने वाले जिला अध्यक्ष भी संगठन के निशाने पर हैं।

ऐसे होगी निष्कासितों की वापसी

बीजेपी रूठों को मनाने के साथ पार्टी से निष्कासित नेताओं की घर वापसी भी करेगी। इसके लिए अगले माह से अभियान शुरू होगा। इस अभियान का नाम न्यू जॉइनिंग कमेटी दिया गया है जिसमें प्रदेश स्तर के साथ जिला और मंडल स्तर पर टीमों का गठन किया जाएगा। चार मई से शुरू होने वाले अभियान के दौर में ऐसे लोगों को चिन्हित करने का काम होगा जो पार्टी से बाहर हैं और पार्टी लाइन पर काम कर रहे हैं।

विधानसभा चुनाव के साथ नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव के दौरान पार्टी ने पिछले सालों में हजारों कार्यकर्ताओं को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया था। इस कैम्पेन के बाद उनकी वापसी का रास्ता खुल गया है। दूसरी ओर जो किसी अन्य दल से पार्टी ज्वाइन करने के इच्छुक हैं या किसी दल में शामिल नहीं हैं, उन्हें भी पार्टी में ज्वाइन कराया जाएगा।

दो शक्ति केंद्रों पर एक क्लस्टर

संगठन ने जिला अध्यक्षों को दो शक्ति केंद्रों को मिलाकर एक क्लस्टर बनाने के लिए कहा है। अभी पांच बूथों को मिलाकर एक शक्ति केंद्र बनाया गया है। इस तरह एक क्लस्टर में दस बूथ शामिल हो जाएंगे। इसमें से हर बूथ में दस कार्यकर्ताओं को क्लस्टर में शामिल किया जाएगा। इनकी हर 15 दिन में बैठक करना होगी और पार्टी के कार्यक्रम पर चर्चा की जाएगी।

हर विस में बनेगी संचालन समिति

सभी 230 विधानसभा में संयोजक और प्रभारी नियुक्त करने के बाद अब विधानसभा स्तर पर चुनाव संचालन समिति का गठन भी किया जाएगा। इसमें जिला अध्यक्षों के अलावा विधायक, पूर्व विधायक, जिला पदाधिकारी, मंडल अध्यक्ष, मोर्चों के अध्यक्ष शामिल रहेंगे। इस तरह समिति में बीस से पच्चीस सदस्य होंगे जो चुनावी गतिविधियों को संचालित करेंगे।

8 से 10 जिला अध्यक्षों से नाराजगी

बूथ विस्तारीकरण अभियान में प्रदेश के आठ से दस जिला अध्यक्षों के कामकाज से प्रदेश संगठन असंतुष्ट है। इन जिला अध्यक्षों के काम में कसावट नहीं आई तो उन्हें हटाया भी जा सकता है। इसके साथ ही कई जिलों में मंडल अध्यक्षों के विरुद्ध शिकायतें आई हैं, उन्हें हटाने के लिए कहा गया है। संगठन ने साफ किया है जो काम नहीं करें, उन्हें हटा दो।

खींचतान के चलते कई जिलों में चार माह से कोर बैठक नहीं

बीजेपी संगठन ने इस बात पर भी नाराजगी जताई है कि दर्जन भर जिलों में नेताओं की आपसी खींचतान के चलते चार माह से कोर कमेटी की बैठक नहीं हुई है। जिला अध्यक्षों से कहा गया है कि वे हर 15 दिन में कोर ग्रुप की बैठकें करेंगे और यह बैठक एक दो घंटे की नहीं बल्कि 24 घंटे की होनी चाहिए। जिन जिलों में खींचतान के कारण कोर बैठकें प्रभावित हुई हैं, वहां बातचीत कर समन्वय बनाने के लिए कहा गया है।

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