MP News : शमशाबाद सीट पर सात बार की हार को जीत में बदलने समर्थकों के बीच पहुंचे दिग्गी

Latest MP News : विदिशा जिले की लगातार सात बार से विधानसभा चुनाव हार रही शमशाबाद विधानसभा सीट पर आज पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह पहुंचे हैं। वे यहां के कांग्रेस नेताओं के बीच में समन्वय बनाने का काम कर रहे हैं।

Latest MP News : उज्जवल प्रदेश, भोपाल. विदिशा जिले की लगातार सात बार से विधानसभा चुनाव हार रही शमशाबाद विधानसभा सीट पर आज पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह पहुंचे हैं। वे यहां के कांग्रेस नेताओं के बीच में समन्वय बनाने का काम कर रहे हैं। यहां पर कांग्रेस आखिरी बार 1985 में जीती थी। इसके बाद से यहां से कांग्रेस लगातार हार रही है। खासबात यह है कि सात चुनावों में से पांच चुनावों में दिग्विजय सिंह समर्थक को ही पार्टी की ओर से टिकट गया। बीच में एक बार ऐसी स्थिति भी बनी की कांग्रेस तीसरे नंबर तक पहुंच गई थी। इधर मंगलवार को दिग्विजय सिंह बीना भी पहुंच रहे हैं। कमलनाथ बीना में 20 अप्रैल को जाने वाले हैं।

शमशाबाद विधानसभा क्षेत्र के महानीम चौराहे पर दिग्विजय सिंह बैठक कर रहे हैं। इस बैठक में उन्होंने नगरीय निकाय के निर्वाचित सदस्रू, सेवादल, महिला कांग्रेस, आईटी सेल, एनएसयूआई सहित सभी प्रकोष्ठ के सदस्य एवं यहां के सभी वरिष्ठ और पूर्व पदाधिकारियों के साथ बैठक कर रहे हैं। यहां पर वे सभी में समन्वय करवाने के लिए पहुंचे हैं। शाम को वे विदिशा जिले के कुरवाई विधानसभा में भी समन्वय करवाएंगे।

दिग्विजय सिंह समर्थकों के ही गुट

शमशाबाद विधानसभा सीट पर दिग्विजय सिंह समर्थकों के ही कई गुट हैं। इसलिए इस सीट पर दिग्विजय सिंह की भूमिका बहुत ही महत्वपूर्ण मानी जाती है। दिग्विजय सिंह के कभी करीबी रहे रुद्र प्रताप सिंह की पत्नी इस सीट से भाजपा विधायक हैं। वहीं 1985 में विधायक रहे डॉ. मेहताब सिंह यादव भी दिग्विजय सिंह खेमे के माने जाते हैं। इस सीट से दिग्विजय सिंह अपने समर्थक को ही टिकट दिलाते रहे हैं।

1985 और 1993 में डॉ. मेहताब सिंह यादव यहां से चुनाव लड़े। इसके बाद 1998 में दिग्विजय समर्थक रुद्र प्रताप सिंह ने कांग्रेस छोड़कर अजय भारत पार्टी से चुनाव लड़ा और वे जीते, बाद में रुद्र प्रताप कांग्रेस में आ गए। इसके बाद वर्ष 2003 में कांग्रेस से रुद्र प्रताप सिंह को टिकट दिया।

2008 में यहां से डॉ. मेहताब सिंह यादव की पुत्रबधु ज्योत्सना यादव को टिकट दिया गया। इसके बाद वर्ष 2013 में दिग्विजय सिंह समर्थक कुंवर सिंधु विक्रम सिंह को टिकट दिया गया। 2018 में फिर से ज्योत्सना यादव को टिकट दिया गया। यानी वर्ष 1985 से दो चुनाव छोड़कर यहां पर दिग्विजय सिंह समर्थक को ही कांग्रेस से टिकट मिलता रहा है। फिर भी कांग्रेस यहां से एक बार ही जीत सकी है।

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