Premananda Maharaj Ke Upay: लड्डू गोपाल को स्नान कराने के बाद उस चरणामृत करें ग्रहण
Premananda Maharaj Ke Upay: भगवान लड्डू गोपाल को स्नान कराने के बाद उस जल को तुलसी के पेड़ व उनके पुराने कपड़ों को सावधानी पूर्वक ऐसा स्थान पर रखें जहां किसी का पैर न पड़ता हो।

Premananda Maharaj Ke Upay: उज्जवल प्रदेश डेस्क. भगवान लड्डू गोपाल को स्नान कराने के बाद उस जल को तुलसी के पेड़ व उनके पुराने कपड़ों को सावधानी पूर्वक ऐसा स्थान पर रखें जहां किसी का पैर न पड़ता हो। शास्त्र में वर्णित है कि लड्डू गोपाल को स्नान कराने के बाद उनके जल (चरणामृत) को क्या करें? क्योंकि, यह जल बहुत ही पवित्र माना जाता है इसलिए ऐसे में इस जल का निस्तारण बहुत ही सोच समझकर करना चाहिए। वर्णित है कि यदि इस जल का अपमान किया जाता है तो आदमी के लिए ऐसा करना पापदायक हो सकता है।
प्रेमानंद जी महाराज ने बताया यह करें
राधा रानी के परम भक्त प्रेमानंद महाराज कहते हैं कि लड्डू गोपाल की सेवा करने वाले हर व्यक्ति के मन में यह सवाल अक्सर आता है की आखिर लड्डू गोपाल जी को स्नान कराने के बाद जल का क्या करें।
शास्त्रों के अनुसार, भगवान को स्नान कराने के बाद जो जल है वह चरणामृत है। इस तरह इसका निस्तारण बहुत ही सोच समझकर करना चाहिए। प्रेमानंद जी महाराज ने बताया है कि आखिरी लड्डू गोपाल के स्नान वाले पानी का क्या करना चाहिए।
तुलसी जी में अर्पित कर दें और थोड़ा जल का खुद ग्रहण भी करें
प्रेमानंद जी महाराज कहते हैं कि लड्डू गोपाल जी को श्रद्धापूर्वक स्नान कराने के बाद उनके जल को या तो तुलसी जी में अर्पित कर दें और थोड़ा जल का खुद ग्रहण भी करें। इसके साथ आप चाहें तो उस जल को किसी ऐसे घेरे में डाल सकते हैं जहां किसी का पैर न पड़े।
गड्डा खोदकर उन सभी फूलों को उसमें डाल दें
इस बात का भी पूरी तरह ध्यान रखें कि इसके जिन लोगों के घर में तुलसी का पौधा नहीं है वह लड्डू गोपाल जी को स्नान कराने के बाद आप उस जल को किसी पात्र में इक्ट्ठा कर लें इसके बाद अपने घर के बार किसी पवित्र नदी गंगा या यमुना में बहा दें। वहीं, लड्डू गोपाल जी को जो रोजाना फूल आदि अर्पित करते हैं तो उन फूलों को इकट्ठा करके रख लें। फिर किसी पवित्र नदी के पास जाकर किनारे पर एक गड्डा खोदकर उन सभी फूलों को उसमें डाल दें।
रोग, दोष और पापों का नाश करता
बता दें कि पद्म पुराण और नारद पुराण में उल्लेख है कि भगवान विष्णु या उनके अवतारों का अभिषेक जल अत्यंत पुण्यदायी होता है। ऐसा जल रोग, दोष और पापों का नाश करता है। पुराणों में बताया गया है कि भगवान को स्नान कराए हुए जल को नाली या गटर में नहीं बहाएं, क्योंकि यह जल भगवान का स्पर्श पाया हुआ है और इसका अपमान पापदायक हो सकता है।
शास्त्रों में कहा गया है कि लड्डू गोपाल का जल सिर्फ जल नहीं बल्कि एक दिव्य प्रसाद बन जाता है जिसे ग्रहण करना चाहिये। बता दें कि शास्त्रों में वर्णित है कि लड्डू गोपाल के स्नान में जो वस्त्र इस्तेमाल करते हैं उन्हें भी बहुत सावधानी से धोना चाहिए। साथ ही उन वस्त्रों को संभालकर रखना चाहिए।