राजस्थान-झुंझुनू में गुढ़ा के नेतृत्व में विरोध प्रदर्शन, 20 साल बाद फिर शुरू हुए खनन पर जताया आक्रोश

झुंझुनू.

जिले के कान्हा पहाड़ में लगभग 20 साल बाद फिर शुरू हुए खनन और ब्लास्टिंग के चलते आक्रोशित लोग ने इसे लेकर पूर्व मंत्री राजेन्द्र गुढ़ा के साथ मिलकर बीते कुछ दिनों से धरने पर बैठे थे, जिसके चलते शनिवार को जिला प्रशासन ने खनन और ब्लास्टिंग को एक बार फिर बंद करवा दिया।खनन बंद करने के आदेश की खबरों के बाद कान्हा पड़ाडी के आसपास बसे लोगों में खुशी की लहर है।

गौरतलब है कि यहां पिछले दिनों मैसर्स जवान रॉकमूवर्स ने तीन में से एक खनन पट्टे की स्वीकृति ले ली थी। इसके बाद 23 अगस्त से खनन कार्य शुरू कर दिया था, वहीं 25 नवंबर से भारी ब्लास्टिंग की जा रही थी, जिससे लोग परेशान थे। कान्हा पहाड़ पर खनन और ब्लास्टिंग का विरोध करने के लिए पूर्व मंत्री राजेन्द्र गुढ़ा और राजस्थान मदरसा बोर्ड के चैयरमेन एमडी चौपदार सहित शहर के अन्य स्थानीय नेताओं ने इसके विरोध में मोर्चा खोल रखा था। पूर्व मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने प्रशासन पर सवाल उठाते हुए कहा कि यहां खनन कार्य सालों से बंद था। प्रशासन ने पैसों का खेला करके वापस लीज को चालू करवाया है। इसको बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यहां आबादी है, किसी सूरत में यहां खनन नहीं होने देंगे। उन्होंने प्रशासन को चेताते हुए कहा कि यहां पर किसी भी प्रकार का खनन और ब्लास्टिंग नहीं होने देंगे। गुढ़ा ने प्रशासनिक अधिकारियों पर आरोप लगाया कि पैसों के दम पर गलत रिपोर्ट भेजी गई जिसके आधार परमिशन ली गई, जो बर्दाश्त नहीं होगी और इस परमिशन को रद्द करना होगा। गुढ़ा शहर में आबादी इलाके के पास स्थित कान्हा पहाड़ी में लीजधारक को फिर से खनन-ब्लास्टिंग की अनुमति देने पर गुस्सा थे। धरने में शामिल स्थानीय निवासी खादिम तगाला ने बताया कि प्रशासन ने पहाड़ी के पास बसी आबादी का ध्यान नहीं रखा। हर रोज यहां ब्लास्टिंग होने हो रही है। जब ब्लास्टिंग होती है तो ऐसा लगता है कि शहर में भूकंप के झटके लग रहे हों। वहीं असलम मिर्जा ने आपबीती बताते हुए कहा कि हमारे मकान पहाड़ी से 300 मीटर की दूरी पर हैं। पूरी रात खनन का काम होने से मशीनों की आवाज होती है, जिसके कारण लोगों रात को सोना भी मुश्किल हो गया था। लोगों का कहना है कि ब्लास्टिंग के चलते लगातार उड़ती धूल-मिट्टी से सांस की तकलीफें बढ़ने लगी थीं। बहरहाल प्रशासन ने इस ब्लास्टिंग पर रोक लगा दी है, जिससे स्थानीय लोगों ने राहत की सांस ली है।

Ramesh Kumar Shaky

रमेश कुमार शाक्य एक अनुभवी पत्रकार हैं, जिनके पास 22 वर्षों से अधिक का अनुभव है। अपने करियर के दौरान, उन्होंने कई प्रतिष्ठित समाचार संगठनों के साथ काम किया और पत्रकारिता के क्षेत्र में अपनी विशेषज्ञता का प्रदर्शन किया। वे समाचार का प्रबंधन करने, सामग्री तैयार करने और समय पर सटीक समाचार प्रसारण सुनिश्चित करने में माहिर हैं। वर्तमान घटनाओं की गहरी समझ और संपादकीय कौशल के साथ, उन्होंने समाचार उद्योग में महत्वपूर्ण स्थान हासिल किया है। उन्होंने राजनीति, व्यापार, संस्कृति और अंतर्राष्ट्रीय मामलों जैसे विभिन्न क्षेत्रों में समाचार कवरेज एवं संपादन किया है।

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