Rupee Vs Dollar: रुपया 40 पैसे गिरा, डॉलर के मुकाबले 86 के पार पहुंचा भाव

Rupee Vs Dollar: भारतीय रुपया मंगलवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले कमजोर होकर दिन के निचले स्तर पर पहुंच गया। रुपये में 40 पैसे की गिरावट दर्ज की गई, जिससे एक डॉलर की कीमत 86 रुपये के पार निकल गई।

Rupee Vs Dollar: उज्जवल प्रदेश डेस्क. भारतीय रुपया मंगलवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले कमजोर होकर दिन के निचले स्तर पर पहुंच गया। रुपये में 40 पैसे की गिरावट दर्ज की गई, जिससे एक डॉलर की कीमत 86 रुपये के पार निकल गई। यह गिरावट विदेशी मुद्रा बाजार (फॉरेन एक्सचेंज) में निवेशकों की सतर्कता और वैश्विक आर्थिक संकेतकों के बीच दर्ज की गई।

Rupee Vs Dollar- रुपये की शुरुआती स्थिति और बाजार की प्रतिक्रिया

इंटरबैंक फॉरेन एक्सचेंज (इंटरबैंक फॉरेन एक्सचेंज) बाजार में रुपये (Rupee Vs Dollar) की शुरुआत कमजोरी के साथ 85.69 पर हुई और शुरुआती कारोबार के दौरान 25 पैसे गिरकर 85.86 पर पहुँच गया। यह गिरावट 3 जून की तुलना में और भी अधिक बढ़ गई, जब रुपया 22 पैसे की गिरकर 85.61 पर बंद हुआ था।

हालांकि बाजार में पॉजिटिव घरेलू इक्विटी और नरम वैश्विक कच्चे तेल की कीमतों के कारण रुपये की गिरावट सीमित रही। फॉरेक्स ट्रेडर्स के अनुसार, डॉलर इंडेक्स में मामूली कमजोरी और ब्रेंट क्रूड की कीमतों में गिरावट ने रुपये पर आंशिक दबाव कम किया है।

Rupee Vs Dollar- डॉलर इंडेक्स और कच्चे तेल की कीमतों का असर

डॉलर इंडेक्स 0.05% की गिरावट के साथ 99.18 पर कारोबार (Rupee Vs Dollar) कर रहा था, जबकि ब्रेंट क्रूड वायदा 0.32% घटकर 65.42 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया। कच्चे तेल की कीमतों में यह गिरावट भारत जैसे तेल आयातक देशों के लिए राहत की खबर हो सकती है, लेकिन इससे रुपये पर तुरंत कोई बड़ा प्रभाव नहीं पड़ा।

Rupee Vs Dollar- RBI की गतिविधियां और मौद्रिक नीति पर नजर

फिनरेक्स ट्रेजरी एडवाइजर्स एलएलपी के ट्रेजरी प्रमुख और कार्यकारी निदेशक अनिल कुमार भंसाली ने बताया कि पिछले दो हफ्तों में रुपये (Rupee Vs Dollar) में गिरावट मुख्य रूप से प्रतिबंधात्मक पूंजी प्रवाह के इसका कारण देखा गया है। उन्होंने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने 85.70-75 के स्तर पर डॉलर बेचे हैं ताकि रुपया 85 से 86 के दायरे में बना रहे।

आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (MPC) ने आज से तीन दिवसीय बैठक की शुरुआत की है और शुक्रवार को ब्याज दरों की घोषणा की जाएगी। बाजार विशेषज्ञों का अनुमान है कि रेपो रेट में 25 आधार अंकों की कमी संभव है, जिससे ब्याज दर 5.75% तक घट सकती है। यदि ऐसा होता है, तो यह आर्थिक गतिविधियों को प्रोत्साहित कर सकता है, लेकिन रुपये पर अतिरिक्त दबाव भी उत्पन्न हो सकता है।

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