Sainik School vs Military School: क्या है अंतर? जानें एडमिशन प्रक्रिया, फीस और अन्य जरूरी डिटेल्स
Sainik School vs Military School: Sainik School और Military School दोनों बच्चों को अनुशासन, शारीरिक प्रशिक्षण और सैन्य जीवन के लिए तैयार करते हैं, लेकिन इन दोनों में कुछ महत्वपूर्ण अंतर हैं। सैनिक स्कूल सरकारी संस्थान होते हैं जबकि मिलिट्री स्कूल भारतीय सेना के तहत आते हैं। जानें इन दोनों के बीच के अंतर, एडमिशन प्रक्रिया और फीस संरचना के बारे में।

Sainik School vs Military School: उज्जवल प्रदेश डेस्क. भारत में शिक्षा के क्षेत्र में कई प्रकार के स्कूल हैं, जिनमें Sainik School और Military School दोनों ही बच्चों को अनुशासन, शारीरिक प्रशिक्षण और सैन्य जीवन के लिए तैयार करने में अग्रणी हैं। हालांकि, इन दोनों प्रकार के स्कूलों में कुछ महत्वपूर्ण अंतर हैं। इस लेख में हम इन दोनों के बीच के प्रमुख अंतर, एडमिशन प्रक्रिया, फीस और अन्य आवश्यक जानकारी पर चर्चा करेंगे।
सैनिक स्कूल और मिलिट्री स्कूल में अंतर: भारत में सैनिक स्कूल और मिलिट्री स्कूल दोनों का उद्देश्य बच्चों को सैन्य जीवन की दिशा में तैयार करना है, लेकिन दोनों की संरचना और उद्देश्य में कुछ अंतर हैं।
सैनिक स्कूल क्या है | What is Sainik School?
सैनिक स्कूल एक प्रकार का सरकारी स्कूल है, जहां बच्चों को शिक्षा देने के साथ-साथ अनुशासन, शारीरिक प्रशिक्षण और सैन्य जीवन के मूल्यों से अवगत कराया जाता है। इन स्कूलों में शिक्षा सीबीएसई पाठ्यक्रम के तहत दी जाती है और इसका उद्देश्य भारतीय सेना, नौसेना या वायुसेना में भर्ती होने के लिए बच्चों को तैयार करना होता है। सैनिक स्कूलों में बच्चों को शारीरिक गतिविधियों, टीमवर्क, और नेतृत्व क्षमता के बारे में सिखाया जाता है, जो उन्हें सेना में जाने के लिए तैयार करता है।
मिलिट्री स्कूल क्या है? | What is Military School?
मिलिट्री स्कूल भारतीय सेना के तहत आते हैं, और इनका मुख्य उद्देश्य बच्चों को भारतीय सेना के अधिकारियों के रूप में प्रशिक्षित करना है। ये स्कूल सेना के नियंत्रण में होते हैं और यहां बच्चों को शारीरिक, मानसिक और सैन्य अनुशासन की शिक्षा दी जाती है। इन स्कूलों का उद्देश्य बच्चों को एक मजबूत सैन्य अधिकारी बनने के लिए तैयार करना है।
सैनिक स्कूल में प्रवेश प्रक्रिया | Admission Process Sainik School
- सैनिक स्कूल में प्रवेश के लिए बच्चों को ऑल इंडिया सैनिक स्कूल प्रवेश परीक्षा (AISSEE) में सम्मिलित होना होता है।
- कक्षा 6 के लिए: बच्चों की उम्र 10 से 12 साल के बीच होनी चाहिए।
- कक्षा 9 के लिए: बच्चों की उम्र 13 से 15 साल के बीच होनी चाहिए।
- परीक्षा में सफल होने के बाद बच्चों को मेडिकल टेस्ट और इंटरव्यू देना होता है। चयन प्रक्रिया के बाद मेरिट लिस्ट जारी की जाती है और उस आधार पर छात्रों को एडमिशन दिया जाता है।
सैनिक स्कूल की फीस | Sainik School Fees
- सामान्य और ओबीसी कैटेगरी के छात्रों के लिए फीस 800 रुपए प्रति माह होती है।
- एससी/एसटी कैटेगरी के छात्रों के लिए फीस 650 रुपए प्रति माह होती है।
- 25% सीटें रक्षा कर्मियों और पूर्व सैनिकों के बच्चों के लिए आरक्षित होती हैं।
मिलिट्री स्कूल में प्रवेश प्रक्रिया | Military School Admission Process
- मिलिट्री स्कूल में प्रवेश के लिए बच्चों को नेशनल मिलिट्री स्कूल प्रवेश परीक्षा देनी होती है।
- कक्षा 6 के लिए: बच्चों की उम्र 10 से 12 साल के बीच होनी चाहिए।
- कक्षा 9 के लिए: बच्चों की उम्र 13 से 15 साल के बीच होनी चाहिए।
- यह परीक्षा MCQ आधारित होती है और परीक्षा में सफल होने के बाद बच्चों को मेडिकल टेस्ट और चयन प्रक्रिया से गुजरना होता है।
मिलिट्री स्कूल की फीस | Military School Fees
मिलिट्री स्कूल की फीस स्कूल की लोकेशन और कैटेगरी के आधार पर भिन्न हो सकती है। हालांकि, सामान्यत: मिलिट्री स्कूल की फीस सैनिक स्कूल से थोड़ी अधिक होती है। इसमें छात्रों को सालाना फीस, बुक चार्ज, हॉस्टल फीस और अन्य सुविधाओं के लिए शुल्क का भुगतान करना होता है।
ऐसे होता है लड़कियों का एडमिशन | Firls Get Admission
- मिलिट्री स्कूल में लड़कियों का एडमिशन: मिलिट्री स्कूलों में कक्षा 6 से 8वीं तक लड़कियों का प्रवेश होता है, लेकिन कक्षा 9 से उच्च कक्षाओं में केवल लड़कों को ही प्रवेश दिया जाता है।
- सैनिक स्कूल में लड़कियों का एडमिशन: कुछ सैनिक स्कूलों में लड़कियों को भी प्रवेश दिया जाता है, और यह संख्या बढ़ती जा रही है।
सैनिक स्कूल और मिलिट्री स्कूल दोनों ही बच्चों को सैन्य जीवन के लिए तैयार करने का महत्वपूर्ण काम करते हैं, लेकिन इनकी संरचना, प्रवेश प्रक्रिया और फीस में अंतर है। सैनिक स्कूल में प्रवेश के लिए AISSEE परीक्षा होती है और फीस सामान्यत: कम होती है, जबकि मिलिट्री स्कूल में प्रवेश के लिए एनएमएस परीक्षा होती है और फीस थोड़ी अधिक होती है। दोनों स्कूलों में बच्चों को अनुशासन, शारीरिक प्रशिक्षण और नेतृत्व क्षमता के लिए प्रशिक्षित किया जाता है, लेकिन मिलिट्री स्कूल भारतीय सेना के तहत होते हैं और अधिक सख्त सैन्य अनुशासन की शिक्षा प्रदान करते हैं।
यदि आप भी अपने बच्चे को सैन्य जीवन के लिए तैयार करना चाहते हैं तो इन स्कूलों के विभिन्न पहलुओं को समझना जरूरी है, ताकि सही विकल्प का चयन किया जा सके।