Sawan Mehndi Ritual: क्यों हैं सावन की मेहंदी इतनी खास? जानिए धार्मिक आस्था और सेहत से इसका गहरा नाता
Sawan Mehndi Ritual: सावन में मेहंदी लगाना स्वास्थ्य और धर्म का एक सुंदर संगम है। यह भक्ति का रंग है, जो माँ पार्वती के प्रेम और तपस्या को दर्शाता है, और आयुर्वेद का वरदान है, जो शरीर को स्वस्थ रखता है। यह सिर्फ एक रंग नहीं है; यह परंपरा, विश्वास और स्वास्थ्य का एक महत्वपूर्ण उपहार है।

Sawan Mehndi Ritual: उज्जवल प्रदेश डेस्क. सावन का महीना भगवान शिव और माता पार्वती की आराधना के लिए सबसे खास माना जाता है। इस पावन अवसर पर महिलाएं व्रत रखती हैं, पूजा करती हैं और पारंपरिक श्रृंगार करती हैं। इन सबके बीच, मेहंदी लगाना एक महत्वपूर्ण परंपरा है, जिसे न सिर्फ सौंदर्य बल्कि धार्मिक आस्था और स्वास्थ्य से भी जोड़ा गया है।
धार्मिक महत्व: मेहंदी से जुड़ी आस्था
हिंदू धर्म ग्रंथों जैसे स्कंद पुराण और शिव पुराण में उल्लेख है कि माता पार्वती ने भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए कठोर तप किया था। धार्मिक मान्यता (Sawan Mehndi Ritual) है कि उन्होंने मेहंदी लगाकर भगवान शिव की आराधना की थी। तभी से सावन में मेहंदी लगाने की परंपरा शुरू हुई। माना जाता है कि इस महीने में मेहंदी लगाने से दांपत्य जीवन में प्रेम बढ़ता है और पति-पत्नी का रिश्ता मजबूत होता है।
सुहाग का प्रतीक है मेहंदी
महिलाएं सावन मेहंदी (Sawan Mehndi Ritual) लगाकर अपने पति को लंबी उम्र की कामना करती हैं, विशेष रूप से हरियाली तीज और सोमवार के दिन। सोलह श्रृंगार में मेहंदी का विशेष स्थान है और यह सुहागन स्त्रियों के लिए शुभता और सौभाग्य का प्रतीक मानी जाती है। कहा जाता है कि हाथों में जितना गहरा मेहंदी का रंग होता है, पति का प्रेम उतना ही गहरा होता है।
Sawan Mehndi Ritual: आयुर्वेदिक दृष्टिकोण में मेहंदी के लाभ
सिर्फ धार्मिक नहीं, बल्कि आयुर्वेद में भी मेहंदी को औषधीय गुणों से भरपूर बताया गया है। चरक संहिता और सुश्रुत संहिता जैसे ग्रंथों में मेहंदी के ठंडे और रोगनाशक गुणों का वर्णन मिलता है। खासतौर पर सावन की उमस और नमी भरे मौसम में यह शरीर को ठंडक और त्वचा को राहत देती है।
स्वास्थ्य लाभ: क्यों है मेहंदी फायदेमंद?
- मेहंदी की तासीर ठंडी होती है, जो शरीर का तापमान नियंत्रित करती है।
- इसमें एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-फंगल गुण होते हैं, जो त्वचा को संक्रमण से बचाते हैं।
- यह सिरदर्द, अनिद्रा और त्वचा की जलन को कम करने में मदद करती है।
- मेहंदी की खुशबू तनाव को कम कर मानसिक शांति प्रदान करती है।
- ‘लॉसन’ नामक तत्व त्वचा को पोषण देता है और घाव भरने में सहायक होता है।
- मेहंदी का तेल जोड़ों के दर्द और सूजन को कम करने में कारगर होता है।
धर्म और सेहत का संगम
सावन में मेहंदी (Sawan Mehndi Ritual) लगाना केवल एक श्रृंगार नहीं, बल्कि यह परंपरा, श्रद्धा और स्वास्थ्य का सुंदर संगम है। यह माता पार्वती की भक्ति का प्रतीक भी है और आयुर्वेदिक दृष्टिकोण से एक प्राकृतिक औषधि भी। ऐसे में सावन में मेहंदी लगाना महिलाओं के लिए न केवल शुभ होता है, बल्कि सेहतमंद भी।