SBI का वित्त मंत्रालय को तोहफा, ₹8076.84 करोड़ का डिविडेंड चेक सौंपा

SBI: एसबीआई ने सरकार का खजाना भर दिया है। एसबीआई के चेयरमैन सीएस शेट्टी ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को 8076.84 करोड़ रुपये का लाभांश चेक सौंपा।

SBI: उज्जवल प्रदेश डेस्क. देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए केंद्र सरकार को भारी भरकम डिविडेंड का भुगतान किया है। SBI ने ₹8076.84 करोड़ का डिविडेंड देकर सरकार की आमदनी में इजाफा किया है। यह भुगतान उस साल किया गया जब बैंक ने रिकॉर्ड ₹70,901 करोड़ का शुद्ध मुनाफा कमाया, जो पिछले साल के ₹61,077 करोड़ के मुकाबले 16% ज्यादा है।

वित्त मंत्री सीतारमण को सौंपा गया डिविडेंड चेक

SBI के चेयरमैन सी एस सेट्टी ने यह डिविडेंड चेक स्वयं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को सौंपा। इस मौके पर वित्तीय सेवा सचिव एम. नागराजू और वित्त सचिव अजय सेठ भी उपस्थित थे। वित्त मंत्री ने इस जानकारी को अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर साझा किया, जिससे यह खबर सोशल मीडिया पर भी तेजी से वायरल हुई।

SBI: शेयरधारकों को भी मिला लाभ: ₹15.90 प्रति शेयर डिविडेंड

SBI ने इस साल प्रति शेयर ₹15.90 का डिविडेंड दिया है, जो पिछले साल के ₹13.70 से अधिक है। इससे शेयरधारकों को भी सीधा फायदा हुआ है। साथ ही, सरकार को भी पिछले साल की तुलना में अधिक राशि प्राप्त हुई। पिछले साल SBI ने ₹6,959.29 करोड़ का डिविडेंड दिया था, जबकि इस बार यह बढ़कर ₹8076.84 करोड़ हो गया है।

सरकार की हिस्सेदारी और LIC की भूमिका

SBI में केंद्र सरकार की बड़ी हिस्सेदारी है। सरकार के पास 57.42% इक्विटी शेयर हैं, जिससे उसे सबसे अधिक डिविडेंड लाभ प्राप्त होता है। वहीं, भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) के पास SBI के 9.02% शेयर हैं, जो उसे सबसे बड़ा नॉन-प्रमोटर शेयरहोल्डर बनाते हैं। SBI के शेयर NSE और BSE दोनों पर लिस्टेड हैं।

SBI: शेयर बाजार में प्रदर्शन भी दमदार

वित्तीय मजबूती और बेहतर नतीजों का असर SBI के शेयरों पर भी दिखा है। BSE पर SBI का शेयर ₹820.05 पर बंद हुआ, जबकि इसका 52 सप्ताह का उच्चतम स्तर ₹898.80 और न्यूनतम स्तर ₹679.65 रहा है। यह निवेशकों के लिए एक सकारात्मक संकेत है कि SBI का प्रदर्शन बाजार में भी मजबूत बना हुआ है।

बढ़ते मुनाफे का असर देश की अर्थव्यवस्था पर

SBI ने बयान में कहा है कि बैंक का बढ़ता मुनाफा देश की अर्थव्यवस्था के लिए शुभ संकेत है। बैंक की स्थिरता और लाभ में बढ़ोत्तरी से न सिर्फ सरकार को वित्तीय मजबूती मिलती है, बल्कि आम जनता को भी बैंकों की सेवाओं का बेहतर लाभ मिलता है।

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