Seekho Kamao Yojana: मुख्यमंत्री शिवराज ने किया शुभारंभ बोले- बेटा-बेटियों को पंख देने आया हूं

Mukhyamantri Seekho Kamao Yojana: प्रदेश में आज से मुख्‍यमंत्री सीखो-कमाओ योजना शुरू हो गई है। इसके लिए राजधानी के रवींद्र भवन में एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कार्यक्रम में पहुंचकर योजना का शुभारंभ किया।

Mukhyamantri Seekho Kamao Yojana: उज्जवल प्रदेश, भोपाल. प्रदेश में आज से मुख्‍यमंत्री सीखो-कमाओ योजना शुरू हो गई है। इसके लिए राजधानी के रवींद्र भवन में एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कार्यक्रम में पहुंचकर योजना का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्‍होंने एक युवा का खुद पोर्टल पर कराया पंजीयन।

युवाओं के बेहतर भविष्‍य के लिए सतत प्रयत्‍नशील

इस दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि मेरे बेटा-बेटियो, मेरे और आपके रिश्ते प्यार के रिश्ते है। आई लव यू। युवाओं को बेहतर भविष्य मिले, इसके लिए प्रधानमंत्री और मैं भी लगा हूं। बेहतर शिक्षा कैसे मिले इसके प्रयास कर रहे हैं।

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सांसद रहते विदिशा के स्कूल में गया और बच्चों से पूछा गंगा कहा से निकलती है, बच्चों ने कहा कि गंगा विंध्याचल से निकली। गुरुजी से पूछा तो उन्होंने कहा 500 रुपये वेतन में गंगाजी विंध्याचल से निकलेगी। हमने शिक्षकों का वेतन बढ़ाया, शिक्षा बेहतर की। हमने लैपटाप दिए लेकिन जब मामा नहीं था, तो लैपटाप छिन गए थे। हम अब प्रथम आने पर बेटियों के साथ साथ बेटों को भी स्कूटी देंगे।

स्‍वरोजगार में सरकार करेगी भरपूर मदद

मुख्यमंत्री ने कहा कि बच्चों की पढाई में कोई बाधा नहीं आने दूंगा। पढ़ाई के बाद बड़ा विषय है रोजगार। मैं आज इसी पर बात करने आया हूं। हम एक लाख सरकारी पदों पर भर्ती कर रहे हैं और यह भर्ती लगातार होगी। लेकिन सरकारी पद सीमित होते है इसलिए हमने उद्यम क्रांति योजना लाई है, स्वयं के उद्योग लगाओ, स्टार्टअप शुरू करो। सरकार भरपूर मदद करेगी।

योग्‍यता अनुसार सभी को मिलेगा काम

सीएम शिवराज ने कहा कि हम तेजी से मध्य प्रदेश की धरती पर निवेश ला रहे है। 15 लाख 42 हजार 550 करोड़ का निवेश लाने का कमिटमेंट हुआ है। निवेश ला रहे हैं। इसके लिए प्रशिक्षित युवाओं की आवश्यकता बढ़ेगी। उसके लिए युवाओं को स्किल्ड भी किया जाएगा। कुछ लोग कहते हैं कि हम बेरोजगारी भत्ता देंगे, और इतने बैरियर लगा देते हैं कि भत्ता मिलता ही नहीं है।

चिड़िया अपने बच्चों को घोंसला नहीं पंख देती है, इसलिए बेटा-बेटियो, मैं आज तुम्हे पंख देने आया हूं। इसलिए हमने मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ योजना बनाई है। इसके लिए पोर्टल भी बन रहा है, पोर्टल पर उद्योग अपने यहां वेकेंसी भी बताएंगे, इन वेकेंसियों में बच्चों को रखेंगे। जिसकी जैसी योग्यता होगी, वैसा काम मिलेगा। ऐसे 700 काम है। यह कंपनी युवाओं को काम सिखाएगी। काम सीखने के दौरान आठ से 10 हजार रुपये भी दिए जाएंगे।

जरूरत पड़ी तो योजना में करेंगे सुधार

मुख्यमंत्री ने कहा, यह देश और दुनिया की अनूठी योजना है। आज यह योजना प्रारंभ कर रहे हैं। जरूरत पड़ी तो सुधार भी कर लेंगे। मैं उद्योगपतियों से आह्वान करता हूं कि आइए मप्र में निवेश करें, मध्य प्रदेश के युवाओं में प्रतिभा है। हर एक प्रतिष्ठान को पूरी तरह से वेरिफाई करके ही जोड़ा जाएगा। मध्य प्रदेश के अंदर पंजीकृत संस्थान के अलावा अन्य राज्यों की कंपनियों में भी युवा काम सीख सकेंगे।

युवाओं को रोजगार के लिए तैयार करने में मध्‍य प्रदेश रचेगा इतिहास

योजना की लांचिंग से पहले सीएम शिवराज ने प्रदेश के युवाओं के नाम अपने संदेश में कहा कि देश का अनूठा प्रयोग है मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना। आज का दिन मध्यप्रदेश के लिए महत्वपूर्ण है। आज से प्रदेश में मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ योजना लागू हो रही है, जो युवाओं में नया उत्साह, आशा और विश्वास भरेगी। उद्योग, कंपनियां और सर्विस सेक्टर उत्साह के साथ इस योजना से जुड़ रहे हैं। स्किल्ड मैनपॉवर और युवाओं को रोजगार के लिए तैयार करने की दिशा में मध्यप्रदेश एक बार फिर नया इतिहास रचेगा।

गौरतलब है कि सरकार ने युवाओं को कौशल विकास के साथ ही लर्न एंड अर्न की तर्ज पर आन जाब ट्रेनिंग की सुविधा के लिए योजना शुरू की है। इस योजना में युवाओं को उद्योगों के साथ सर्विस सेक्टर में कौशल प्रशिक्षण दिलाते हुए स्टायपेड की व्यवस्था की गई है। प्रथम चरण में एक लाख युवाओं को रोजगारोन्मुखी कौशल में प्रशिक्षित किए जाने का लक्ष्य है। प्रशिक्षण के बाद मध्य प्रदेश राज्य कौशल विकास एवं रोजगार बोर्ड द्वारा स्टेट काउंसिल फार वोकेशनल ट्रेनिंग का प्रमाण-पत्र दिया जाएगा।

ये युवा हैं योजना के लिए पात्र

  • योजना में 18 से 29 वर्ष आयु तक के स्थानीय निवासी युवा पात्र हैं, जिनकी शैक्षणिक योग्यता 12वीं, आइटीआइ उत्तीर्ण या उससे उच्च होनी चाहिए।
  • योग्यता के आधार पर स्टायपेंड दिया जाएगा। 12वीं या उससे कम को आठ हजार रुपये, आइटीआइ पास को साढ़े आठ हजार रुपये, डिप्लोमा पास को नौ हजार और स्नातक या उससे अधिक को 10 हजार रुपये दिए जाएंगे।

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Deepak Vishwakarma

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