Shubhanshu Shukla Return: धरती पर लौटे शुभांशु शुक्ला, पीएम मोदी ने दी खास बधाई
Shubhanshu Shukla Return: भारत के अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला ने 18 दिन का सफल मिशन पूरा कर इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) से धरती पर वापसी की है। वे राकेश शर्मा के बाद अंतरिक्ष जाने वाले दूसरे भारतीय हैं और अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) तक पहुंचने वाले पहले भी हैं।

Shubhanshu Shukla Return: उज्जवल प्रदेश डेस्क. भारत के अंतरिक्ष इतिहास में एक नया अध्याय जुड़ गया है। देश के गौरव, शुभांशु शुक्ला अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) में 18 दिन का सफल मिशन पूरा कर अब सुरक्षित धरती पर लौट आए हैं। वे राकेश शर्मा के बाद अंतरिक्ष की यात्रा करने वाले दूसरे भारतीय और इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन तक पहुंचने वाले पहले भारतीय अंतरिक्ष यात्री बन गए हैं।
ऐतिहासिक मिशन की सफल वापसी
18 दिनों तक अंतरिक्ष में रहकर वैज्ञानिक प्रयोगों और तकनीकी परीक्षणों का हिस्सा बने शुभांशु शुक्ला (Shubhanshu Shukla Return) ने न सिर्फ भारत की अंतरिक्ष ताकत को दुनिया के सामने प्रदर्शित किया, बल्कि गगनयान मिशन की तैयारी को भी मजबूत आधार प्रदान किया। उनकी यह यात्रा भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) और वैश्विक सहयोग का प्रतीक मानी जा रही है।
देखे Video:
#WATCH | In a historic moment, Group Captain Shubhanshu Shukla and the Axiom-4 crew aboard Dragon spacecraft splashes down in the Pacific Ocean after an 18-day stay aboard the International Space Station (ISS)
(Video Source: Axiom Space/YouTube) pic.twitter.com/qLAq2tyW5S
— ANI (@ANI) July 15, 2025
पीएम मोदी बोले- ‘अरबों सपनों को प्रेरणा मिली’
शुभांशु (Shubhanshu Shukla Return) की वापसी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें बधाई देते हुए कहा, “मैं ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला के स्वागत में राष्ट्र के साथ शामिल हूं, क्योंकि वह अंतरिक्ष में अपने ऐतिहासिक मिशन से पृथ्वी पर लौट रहे हैं। अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर जाने वाले भारत के पहले अंतरिक्ष यात्री के रूप में, उन्होंने अपने समर्पण, साहस और अग्रणी भावना से अरबों सपनों को प्रेरित किया है। यह हमारे अपने मानव अंतरिक्ष उड़ान गगनयान मिशन की दिशा में एक और मील का पत्थर है।
भारत की अंतरिक्ष शक्ति को नई ऊंचाई
शुभांशु (Shubhanshu Shukla Return) की यह उड़ान न केवल वैज्ञानिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण रही, बल्कि यह भारत के युवाओं के लिए भी एक प्रेरणा बन गई है। इस मिशन ने यह साबित कर दिया है कि भारत अब अंतरिक्ष में भी वैश्विक नेतृत्व की ओर अग्रसर है। गगनयान मिशन की सफलता की ओर यह एक बड़ा कदम माना जा रहा है, जिसमें भारत पूरी तरह से स्वदेशी तकनीक के साथ अपने अंतरिक्ष यात्रियों को भेजने की तैयारी कर रहा है।