Chandra Grahan 2022 : हजारों साल बाद बन रहे दुर्लभ संयोग

कल 8 नवंबर मंगलवार को चंद्रग्रहण पर बेहद दुर्लभ संयोग हजारों साल बाद बन रहे हैं। आप सभी इस अवसर का लाभ अवश्य लें।

आदित्य रघुवंशी, उज्जवल प्रदेश, सिलवानी.
Kartik Purnima ka Chandra Grahan : कल 8 नवंबर मंगलवार को चंद्रग्रहण लगने वाला है। इस दिन बेहद दुर्लभ संयोग हजारों साल बाद बन रहे हैं। आप सभी इस अवसर का लाभ अवश्य लें। ग्रहण के स्पर्श से लेकर मोक्ष तक अपने गुरूमंत्र/ अभीष्ट मंत्र/ महामंत्र का मौन होकर सतत जप करने से उस मंत्र का ‘सविधि पुरश्चरण’ सरलता से हो जाएगा,जो इस कलयुग में अत्यंत कठिनाई से होता है।

किसे कहते है पुरश्चरण

किसी मंत्र द्वारा इच्छित फल की प्राप्ति व उसके प्रयोग से पहले उसको विधिवत सिद्ध करने हेतु ‘पुरश्चरण’ आवश्यक होता है। इसमें 6 क्रियाएं होती हैं…

  • मंत्र जप : मंत्र में अक्षरों की संख्या को एक लाख से गुणा  करके जितनी संख्या आए, उतना जप।
  • हवन : मंत्र जप संख्या का दशांश।
  • अर्पण : हवन संख्या का दशांश।
  • तर्पण : अर्पण संख्या का दशांश।
  • मार्जन : तर्पण संख्या का दशांश।
  • ब्राह्मण भोज : मार्जन का दशांश।

इस विधि से पुरश्चरण करने पर साधक के अंदर एक दिव्य तेज प्रस्फुटित होता है तथा प्राप्त सिद्धि को दीर्घ काल तक स्थायी रख पाने की सामर्थ्य आती है। परंतु इस विधि को करने में बहुत समय लग जाता है,बहुत धन खर्च करना पड़ता है और भूलचूक होने की भी बहुत संभावना रहती है। किन्तु ग्रहण काल में मंत्र का जप करने मात्र से उसका ‘सविधि पुरश्चरण’ हो जाता है। मंत्र सिद्ध हो जाता है।

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शास्त्र वचन है… ग्रहणकाले जपात सिद्धिर… इसलिए मेरा आप सभी मित्रों से निवेदन है कि इस स्वर्णिम अवसर को हाथ से ना जाने दें ; इसका लाभ अवश्य उठायें।

8 नवम्बर को लगने वाला यह चन्द्रग्रहण भारतीय समय के अनुसार भारत में शाम 05.12 पर प्रारम्भ होगा,जो शाम 6.19 पर समाप्त होगा। भारत के पूर्व में ये चंद्रग्रहण दोप. 2.39 से शुरू होकर 6.20 पर खत्म होगा। तो हो सके तो ढाई बजे से, वरना पांच बजे से तो अवश्य ही जाप में बैठ जाइयेगा (साढ़े छह बजे तक)। ग्रहण के दौरान या अंत में किसी योग्य पात्र को दान अवश्य दें। वो दान अक्षय हो जाएगा।

  • ग्रहण सूतक प्रारम्भ- प्रात: 08 बजकर 10 मिनिट से
  • ग्रहण प्रारम्भ- 02:39 भारत मे दृश्य- 05:12
  • ग्रहण मध्य- 04:30 भारत मे- 5:46
  • भारत मे ग्रहण मोक्ष- 06:19 मिनिट
  • पर्व काल- 1 घंटा 07 मिनिट

बालक वृद्ध रोगी सभी दिन के 1 बजकर 45 मिनिट तक जल पान कर सकते है
देवालय में श्री जी के सन्मुख प्रात: 8 बजे से पूर्व सेवा आरती भोग रखना श्रेष्ठ है एवं ग्रहण काल मोक्ष के पश्चात श्रम भोग आरती करना उत्तम है

  • शुभ राशि- मिथुन,वृश्चिक,कुम्भ
  • मध्यम राशि- वृषभ,कर्क, सिंह ,तुला,धनु,मीन
  • अशुभ राशि- मेष,कन्या ,मकर

भागवताचार्य एवं ज्योतिषाचार्य
डॉ. अभिषेक कृष्ण शास्त्री
भागवत चिंतन सेवा मिशन वृन्दावन   
संपर्क-7000920905,9993657751  

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