राजस्थान के अफसरों का कमाल, कागजों में बना दिए 498 मकान, घोटाला उजागर होने पर 12 निलंबित

भरतपुर
राजस्थान के भरतपुर जिले में प्रधानमंत्री आवास योजना में एक करोड़  28 लाख रुपये का घोटाला करने का मामला सामने आया है। अफसरों ने योजना में 498 मकानों को कागजों में दिखाकर घोटाला कर दिया। आला अधिकारियों को जानकारी मिलने पर 12 अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है। भरतपुर से भाजपा सांसद रंजीता कोली द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को की गई शिकायत के बाद प्रधानमंत्री आवास योजना में बड़ा घोटाला सामने आया है । भरतपुर के पहाड़ी और कामा पंचायत समिति का मै घोटाला उजागर हुआ है। इस जांच में घोटाला आने के बाद 12 अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है।

अधिकारियों से वसूली जाएगी राशि
जानकारी के मुताबिक प्रधानमंत्री आवास योजना में 498 मकानों को कागज में दिखाकर करीब 1 करोड़ 28 लाख रुपये का घोटला कर दिया। इस मामले की जांच होने और उसमें घोटाला पाए जाने के बाद 12 कर्मचारियों को अधिकारियों के साथ निलंबित कर दिया गया है। साथ ही करोड़ों रुपए की है राशि इन कर्मचारियों से वसूल की जाएगी ।

सासंद रंजीता कोली ने पीएम से की शिकायत
प्राप्त जानकारी के मुताबिक सांसद रंजीता कोली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से शिकायत की थी। शिकायत में कहा गया था कि मेवात की पहाड़ी व कामा पंचायत समितियों में संचालित प्रधानमंत्री आवास योजना में घोटाला हो रहा है। जसपुर जांच कमेटी बैठाई गई। जांच कमेटी ने पाया कि 698 मकान गरीबों को बनाए ही नहीं गए थे बल्कि कागजों में दिखाकर उनके रुपए अधिकारी हड़प गए।  

सांसद ने की जांच कराने की मांग
सांसद रंजीता कोली की मांग है कि भरतपुर जिले में संचालित प्रधानमंत्री आवास योजना में घोटाला सामने आया है जिस पर कार्रवाई हो गई है । लेकिन मेरी मांग है कि राजस्थान की कांग्रेस सरकार में पूरे प्रदेश में इस योजना में घोटाला हो रहा है । इसलिए पूरे प्रदेश के हर जिले में इस योजना में पूरे घोटाले की जांच कर कार्रवाई की जाए। प्रमुख शासन सचिव अपर्णा अरोड़ा ने आदेश जारी करते हुए घोटाले में शामिल अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया है। योजना के तहत गरीबों को घर उपलब्ध कराना होता है। लेकिन योजान का जिम्मा संभाल वाले ही अधिकारी भक्षक बन गए है। जिसका नतीजा यह निकला है कि गरीबों तक योजना का लाभ नहीं पहुंच पा रहा है। 

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