ज्ञानवापी मस्जिद केस: वकीलों की हड़ताल के चलते टली सुनवाई

वाराणसी
ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे को लेकर वाराणसी कोर्ट में बुधवार को होने वाली सुनवाई फिलहाल टाल दी गई है। वकीलों की हड़ताल के चलते कोर्ट अब 19 मई को अगली सुनवाई करेगी। बतादें कि ज्ञानवापी प्रकरण की वादी महिलाओं ने मंगलवार को सिविल जज की कोर्ट में प्रार्थनापत्र देकर मस्जिद के वजूखाने में मिले शिवलिंग की मापी कराने की मांग की थी। यह भी गुहार लगाई गई थी कि शिवलिंग के उत्तर की दीवार और नंदी के सामने बंद तहखाने को तोड़कर कमीशन कार्यवाही पूरी कराई जाए। इस पर 18 मई को सुनवाई होनी थी, लेकिन वकीलों की हड़ताल के चलते सुनवाई नहीं हो सकी।

ये है पूरा मामला
वादिनी रेखा पाठक, सीता साहू व मंजू व्यास ने न्यायालय में दी गई अर्जी में बताया था कि सोमवार को मिले शिवलिंग के पूरब तरफ दीवार में दरवाजा है। उसे ईंट-पत्थर व सीमेंट से बंद कर दिया गया है। नंदी के भी सामने जो तहखाना है, उसके उत्तरी ओर दीवार से शिवलिंग को ढंकते हुए उसे ईंट-सीमेंट से घेर दिया गया है। उस घेरे को हटाकर कमीशन की कार्यवाही करायी जाय। वादियों ने कहा है कि शिवलिंग की लम्बाई, चौड़ाई व ऊंचाई की मापी आवश्यक है। यह भी कहा है कि मस्जिद की पश्चिमी दीवार के दरवाजे को खोलकर अंदर कमीशन की कार्यवाही कराई जाय। उधर, वजूखाना सील होने के बाद उसमें पल रहीं मछलियों को बचाने के लिए जिला प्रशासन ने मंगलवार को अदालत का दरवाजा खटखटाया था।

वकीलों की हड़ताल से कामकाज ठप
वकीलों की हड़ताल के चलते बुधवार को प्रदेशभर में कानूनी कामकाज ठप हो गया। शासन के विशेष सचिव प्रफुल्ल कुमार के एक पत्र में आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर बुधवार को अधिवक्ता हड़ताल पर रहे। दूरदराज से आए वादकारी वापस लौट गए। वकीलों ने वाराणसी डीएम पोर्टिको में प्रदर्शन किया और नारेबाजी की। बनारस बार और सेंट्रल बार एशोसिएशन के पदाधिकारियों ने कहा कि 20 मई को प्रदेश भर के अधिवक्ता विरोध दिवस मनाएंगे और हड़ताल पर रहेंगे। जिला न्यायालयों और जिलाधिकारियों को भेजे गए पत्र में विशेष सचिव ने कहा है कि जो अधिवक्ता अराजक कृत्य को करते हैं। उनके बारे में शासन को सुचित किया जाए ताकि उनके ऊपर कार्रवाई हो सके। इसी मुद्दे को लेकर अधिवक्ताओं में आक्रोश है।

 

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