आयुष विभाग मध्यप्रदेश ने सार्थक – एप उपस्थिति प्रणाली के आदेश को वापस लेने की मांग की
अखिल भारतीय आयुष नर्सिंग ऑफिसर,फार्मासिस्ट व पैरामेडिकल कर्मचारी महासंघ- नई दिल्ली के राष्ट्रीय अध्यक्ष छीतर मल सैनी ने CM शिवराज सिंह, CS सहित आयुष विभाग के आला अफसरों को पत्र लिखा।
उज्जवल प्रदेश, भोपाल/रतलाम. अखिल भारतीय आयुष नर्सिंग ऑफिसर,फार्मासिस्ट व पैरामेडिकल कर्मचारी महासंघ- नई दिल्ली के राष्ट्रीय अध्यक्ष छीतर मल सैनी ने बुधवार को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान व मुख्य सचिव सहित आयुष विभाग के आला अफसरों को पत्र भेजकर मध्यप्रदेश शासन में आयुष विभाग के आयुक्त द्वारा आयुष कर्मियों की उपस्थिति के क्रम में सार्थक – एप उपस्थिति प्रणाली लागू करने के आदेश को वापस लेने की मांग की है ।
महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सैनी ने कहा कि संचालनालय आयुष मध्यप्रदेश के आयुक्त द्वारा 11 जनवरी 2023 को प्रदेश के आयुष कर्मियों की उपस्थिति दर्ज करवाने के लिए सार्थक – एप उपस्थिति प्रणाली लागू करने के संबंध में एक आदेश जारी किया गया था, जोकि वर्तमान परिस्थितियों को मद्देनजर रखते हुए यह न्याय संगत नहीं है । आयुष विभाग द्वारा उक्त तुगलकी आदेश को जारी करते वक्त आयुष कर्मियों की समस्याओं व परेशानियों को ध्यान में नहीं रखा गया है ।
राष्ट्रीय अध्यक्ष सैनी के अनुसार सार्थक – एप उपस्थिति प्रणाली लागू करने बाबत उक्त आदेश को जारी करने से पूर्व विभाग द्वारा समस्त आयुष कर्मियों को जिनकी उपस्थिति सार्थक ऐप के माध्यम से मंगवाई जा रही है को 20 -20 हजार के अत्याधुनिक एंड्रॉयड फोन उपलब्ध करवाकर उसमें 1 वर्ष का नेट का रिचार्ज करवाया जाना चाहिए था। क्योंकि कोई भी कर्मचारी अपने निजी व घरेलू मोबाइल / उपकरणों का प्रयोग किसी अन्य कार्यों में लेने हेतु नियमानुसार बाध्य नहीं है। और ना ही उन्हें अपने निजी खर्चे से खरीदने के लिए बाध्य किया जा सकता है । विभाग द्वारा जारी उक्त आदेश से प्रदेश के समस्त कर्तव्यनिष्ठ कर्मचारी व अधिकारियों की भावनाएं आहत हुई है, और उनमें सरकार के प्रति भारी आक्रोश पनप रहा है ।
तुगलकी आदेश वापस नहीं लिया तो होगा महा आंदोलन
राष्ट्रीय अध्यक्ष सैनी ने शक्त चेतावनी देते हुये कहा कि मध्य प्रदेश सरकार सार्थक- एप उपस्थिति प्रणाली को आयुष विभाग में लागू करने के उक्त आदेश को वापस नहीं लेती है, तो प्रदेशभर के समस्त आयुष कर्मी संपूर्ण राज्य में महा आंदोलन छेड़ने पर विवश होंगे, जिसका परिणाम आगामी विधानसभा चुनाव में सरकार को देखने को मिलेगा । साथ ही सैनी ने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा भी पूर्व में ऐसे आदेशों का विरोध जताया जा चूका हैं, ऐसी परिस्थिति में उक्त आदेश मुख्यमंत्री की भावनाओं के भी अनुकूल नहीं है ।