MP News : PWD प्रमुख सचिव ने अधीक्षण यंत्रियों को दिए जांच के निर्देश

Latest MP News : प्रदेश में PWD के इंजीनियरों और ठेकेदारों के गठजोड़ से सड़कों और भवनों में निर्माण में घटिया सामग्री के उपयोग और निर्माण के नार्म्स का पालन नहीं करने का खुलासा हुआ है।

Latest MP News : उज्जवल प्रदेश, भोपाल. प्रदेश में लोक निर्माण विभाग के इंजीनियरों और ठेकेदारों के गठजोड़ से सड़कों और भवनों में निर्माण में घटिया सामग्री के उपयोग और निर्माण के नार्म्स का पालन नहीं करने का खुलासा हुआ है। विभाग के प्रमुख सचिव ने दर्जन भर जिलों में खुद इंस्पेक्शन करने के बाद अधीक्षण यंत्रियों को लगातार इंस्पेक्शन करने के लिए निर्देशित किया है और कमियों में सुधार न होने पर उनके विरुद्ध जिम्मेदारी तय करने की बात कही है।

प्रमुख सचिव सुखवीर सिंह ने कहा है कि ठेकेदारों द्वारा एग्रीमेंट कर नियुक्त इंजीनियरों की स्क्रीनिंग कराएं और उनके माध्यम से ही योग्य इंजीनियर विभाग के काम के लिए रखवाएं। इन इंजीनियरों को ऑनलाइन ट्रेंनिंग भी दी जाए। इसके साथ ही विभाग के सब इंजीनियर, असिस्टेंट इंजीनियर, एग्जीक्यूटिव इंजीनियर की भी समय समय पर ट्रेंनिंग हो और इसका वार्षिक कैलेंडर तय किया जाए।

मुख्य अभियंता और अधीक्षण यंत्री सप्ताह में तीन दिन दौरा करेंगे और सेंपल लेकर विभाग द्वारा अधिकृत लैब में टेस्टिंग कराएंगे। प्रमुख सचिव द्वारा प्रबंध संचालक सड़क विकास निगम, भवन विकास निगम, प्रमुख अभियंता, सचिव और सभी मुख्य अभियंताओं को इसको लेकर निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने कहा है कि सागर और ग्वालियर संभाग में 105 से अधिक कार्यों का निरीक्षण उनके द्वारा अलग-अलग दर्जन भर से अधिक चीफ इंजीनियरों की टीम के साथ किया गया।

यह भी कमी बताई

इंजीनियरों से कहा गया है कि बीटी के काम में कई स्थानों पर थिकनेस कम पाई गई है और रोड सरफेस भी तैयार नहीं किया जाना पाया गया है जिससे बीसी की गुणवत्ता कम हुई है। गिट्टी भी सही तरीके से ग्रेडड न होने से भी बीटी की क्वालिटी पर असर होना पाया गया है।

अधीक्षण यंत्रियों के लगातार निरीक्षण करने और क्वालिटी कंट्रोल के टेस्ट की जिम्मेदारी का पालन नहीं करने की भी बात साबित हुई है। यह भी लगता है कि ठेकेदारों के इंजीनियर ट्रेंड न होने से बेतरतीब काम किए गए हैं। ठेकेदारों की प्रयोगशाला भी एग्रीमेंट के मुताबिक नहीं पाई गई है।

भवनों में ऐसी कमी मिली

भवनों की जांच के दौरान पाया गया कि कांक्रीट की गुणवत्ता का ध्यान नहीं रखा जा रहा है। मानक ग्रेडड गिट्टी का उपयोग नहीं किए जाने, कांक्रीट कास्टिंग से पहले मिक्सिंग में कमी होने, सेटरिंग सही न होने से एलाइनमेंट बिगड़ने और कांक्रीट में हॉनीकाम्बिंग पाया गया है।

जहां काम हो रहे हैं वहां बनी परीक्षण लैब भी मानक स्तर की नहीं है। प्लिंथ लेवल तक की फिलिंग में नींव से खोदी गई मिट्टी का उपयोग होना पाया गया जिससे कांपेक्शन का अभाव मिला। भवन के कॉलम और बीम में रीइनफोर्समेंट कवर नहीं रखे गए और रिंगबार की स्पेशिंग अनियमित मिली है।

सड़कों के निर्माण में ऐसी गड़बड़ियां

इस दौरान यह बात सामने आई है कि सड़कों के नवीनीकरण और मजबूतीकरण के कार्य में सोल्डर रोड और मार्किंग का काम अधूरा छोड़ा जा रहा है। यह काम बीटी का कार्य पूरा होने के बीस दिन में पूरा होना चाहिए। इसके साथ ही तय स्थानों पर केम्बर नहीं बनाने से बारिश के पानी की समुचित निकासी में दिक्कत होना तय है जिससे सड़क उखड़ेगी।

प्रमुख सचिव ने कहा है कि सड़कों के बनाए जाने के बाद रोड साइन बोर्ड समय पर लगना चाहिए और मार्किंग होना चाहिए जो कई स्थानों पर नहीं पाया गया है। कई स्थानों पर सोल्डर कम गुणवत्ता वाले उपयोग किए जाना पाए गए हैं और सीआरएम की परत पूरी चौड़ाई में नहीं बिछना पाई जा रही है। इससे रोड में सीपेज की समस्या होगी। शोल्डर के काम में लेयर में कांपेक्शन का अभाव भी पाया गया है।

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