MP News : राज्य भूमि अधिग्रहण बोर्ड ने किया कलेक्टर और विभागाध्यक्ष को तलब, मांगी लटके हुए प्रोजेक्टों की पेंडिंग रिपोर्ट
Latest MP News : राज्य भूमि अधिग्रहण बोर्ड ने शासन के माध्यम से जानकारी मांगी है और कहा है कि खासतौर पर ऐसे मामले बोर्ड को भेजे जाएं जिसमें भूमि अधिग्रहण के चलते प्रोजेक्ट अटके हुए हैं और विभाग एक्शन नहीं ले पा रहे हैं।
Latest MP News : उज्जवल प्रदेश, भोपाल. प्रदेश में 2014 से सरकारी प्रोजेक्ट के लिए अधिग्रहित जमीन का ब्यौरा कलेक्टरों और विभाग प्रमुखों से तलब किया गया है। राज्य भूमि अधिग्रहण बोर्ड ने इसकी जानकारी शासन के माध्यम से मांगी है और कहा है कि खासतौर पर ऐसे मामले बोर्ड को भेजे जाएं जिसमें भूमि अधिग्रहण के चलते प्रोजेक्ट अटके हुए हैं और विभाग एक्शन नहीं ले पा रहे हैं।
भूमि अधिग्रहण को लेकर न्यायालयों में चल रहे प्रकरणों की जानकारी भी देने के लिए कहा गया है। भूमि अर्जन, पुनर्वासन और पुनर्व्यवस्थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम 2013 केंद्र सरकार द्वारा लागू किए जाने के बाद राज्य शासन द्वारा इसी के आधार पर भूमि अधिग्रहण और मुआवजे की कार्यवाही की जाती है।
इसी के चलते राज्य भूमि सुधार आयोग जिसे अब राज्य भूमि अधिग्रहण बोर्ड भी घोषित किया गया है, द्वारा भूमि अधिग्रहण के मामलों की समीक्षा की जाने वाली है। इसको लेकर बोर्ड के सदस्य सचिव अशोक गुप्ता की ओर से सभी कलेक्टरों और विभागाध्यक्षों को पत्र लिखकर जानकारी देने के लिए कहा गया है। इसमें कहा गया है कि एक जनवरी 2014 से अब तक के सभी निराकृत और अलग-अलग मंचों पर विचाराधीन मामलों की जानकारी भेजें।
सूत्रों के अनुसार बोर्ड ने कहा है कि जो मामले कोर्ट में हैं और जो विभाग या जिला स्तर पर पेंडिंग हैं, उनकी भी पूरी डिटेल एक फार्मेट में भेजी जाए ताकि प्रकरणों की समीक्षा की जा सके। बोर्ड कोर्ट में पेंडिंग प्रकरणों के मामले में खासतौर पर निगरानी करेगा। बताया जाता है कि शासन द्वारा भूमि सुधार आयोग को अधिग्रहण बोर्ड का अधिकार देने के साथ अधिग्रहण संबंधी मामलों की मानीटरिंग करने के लिए कहा है ताकि पेंडिंग प्रोजेक्ट्स के अधूरे काम पूरे हो सकें और सरकार के डेवलपमेंट के काम में तेजी आ सके।
प्रदेश भर में हजारों केस पेंडिंग
भूमि अधिग्रहण के मामलों को लेकर राज्य सरकार सख्त भी है और विभागों से अलग-अलग समीक्षा भी करा रही है। सबसे अधिक पेंडिंग मामले राजस्व विभाग से संबंधित हैं क्योंकि अधिग्रहण की जिम्मेदारी इसी विभाग की होती है। ये विभागों से मिले प्रस्तावों के आधार भूमि अधिग्रहण कर विभागों के माध्यम से मुआवजा भूमि स्वामियों को दिलाते हैं।
प्रदेश में हजारों भूमि अधिग्रहण के मामले पेंडिंग बताए जा रहे हैं। इसमें जल संसाधन, लोक निर्माण विभाग, नगरीय विकास और आवास विभाग, नवकरणीय ऊर्जा, नर्मदा घाटी विकास विभाग, ऊर्जा, स्कूल शिक्षा, एमएसएमई, औद्योगिक निवेश और प्रोत्साहन विभाग के मामले सर्वाधिक हैं।