सिविल सर्जन और RMO का वेतन कटा, महिला चिकित्सक निलंबित, कलेक्टर जिला अस्पताल का हाल देख भड़के

देवास
मध्य प्रदेश के देवास में जिला हॉस्पिटल से बच्चा चोरी होने के बाद उज्जैन का जिला प्रशासन भी जागा है। आज उज्जैन कलेक्टर आशीष सिंह ने जिला अस्पताल का आकास्मिक निरक्षण कर अव्यवस्था, खामियों से नाराज कलेक्टर ने अस्पताल प्रबंधन को हिदायत देते हुए तत्काल सिवील सर्जन डॉक्टर पी एन वर्मा और आरएमओ डॉक्टर जितेंद्र शर्मा का 7 दिन का वेतन काटने के साथ महिला चिकित्सक को निलंबित करने के आदेश दिए हैं।

मिली जानकारी अनुसार कई दिनों से कलेक्टर को मिल रही शिकायत के बाद सिविल अस्पताल की व्यवस्था को देखने के लिए वो अचानक अस्पताल में पहुंच गए। उन्होंने सबसे पहले ओपीडी में इंटर्न डॉक्टरों द्वारा मरीज को दवाई लिखने पर नाराजगी जाहिर की और निर्देश दिए कि दवाई मेडिकल ऑफिसर ही लिखें। इंटर्न सिर्फ मरीजों को देखें।  अस्पताल में डॉक्टर नर्स और अन्य स्टाफ के देरी से आने की सूचना पर भी कलेक्टर ने तत्काल सीएमओ को पूरे अस्पताल में बायोमेट्रिक अटेंडेस डिवाइस लगाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि सात दिन के अंदर रजिस्टर बंद कर सभी कर्मचारी और डॉक्टर बायोमेट्रिक मशीन का उपयोग शुरू करें। कलेक्टर को आँख के डॉक्टर भी गायब मिले। इतना ही नहीं आर्थो विभाग में भी अनियमितता मिलने के बाद कलेक्टर ने डॉक्टर महेश मरमट और डॉक्टर अजय दंडोतिया का एक-एक माह का वेतन काटने के आदेश दिया।

अस्पताल निरिक्षण पर पहुचे कलेक्टर आशीष सिंह आज सख्त दिखाई दिए। अस्पताल में चारो और अव्यवस्थाओं का अम्बार लगा देख नाराज हुए कलेक्टर ने फार्मेसी स्टोर और दवा खरीदी में मिली अनियमितता को देखते हुए रजत गांधी , विजय शर्मा और राघवेंद्र सिंह का सात-सात दिन का वेतन काटने के आदेश दिए।  उज्जैन कलेक्टर आशीष सिंह ने बताया की कई दिनों से जिला अस्पताल की शिकायत मिल रही थी कि डॉक्टर यहां समय पर उपलब्ध नहीं रहते हैं और दवाईयों को लेकर भी शिकायत मिल रही थी। जिसके बाद आज आकास्मिक निरक्षण किया गया है। सिविल सर्जन और आरएमओ के वेतन काटने के निर्देश दिए गए हैं। वही एक महिला चिकित्सक को निलंबित कर 7 कर्मचारियो की सैलेरी भी काटने के निर्देश दिए गए हैं। 

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