लहार-रौन जनपद में भी लहराया डा.गोविन्द सिंह का परचम

दोनों जनपद पंचायत अध्यक्ष की आसंदी के लिए निर्विरोध जीते कांग्रेस उम्मीदवार
लहार

ग्वालियर-चम्बल अंचल में नगरीय निकाय चुनाव के नतीजों में कांग्रेस को मिली बड़ी सफलता के नायक रहे मध्य प्रदेश विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष डाक्टर गोविन्द सिंह ने एक बार फिर अपनी सियासी सियासी चातुर्यता का लोहा मनवा दिया है। अलबत्ता नगरीय निकायों के बाद हुए जनपद अध्यक्ष चुनाव में भिण्ड जिले की लहार तथा रौन जनपद अध्यक्ष की आसंदी पर कांग्रेस उम्मीदवारों की निर्विरोध जिताकर प्रदेश की सत्ता पर काबिज भातपा को करारा झटका दिया है। भिण्ड जिले की लहार जनपद पंचायत अध्यक्ष की आसंदी के लिए कांग्रेस की उम्मीदवार श्रीमती मीनासिंह पत्नि मानवेंद्रसिंह को निर्विरोध निर्वाचित घोषित किया गयाए जबकि रौन जनपद पंचायत अध्यक्ष की आसंदी के लिए कांग्रेस उम्मीदवार हरनामसिंह गुर्जर निर्विरोध चुने गए हैं।

उल्लेखनीय है कि जनपद पंचायत के इन नतीजों से पहले नगरीय निकाय चुनाव के नतीजों के बाद बाद विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष डॉक्टर गोविंद सिंह का कद कांग्रेस के बड़े क्षत्रपों के मुकाबले बढ़ा है। उनके कुशल नेतृत्व का परिणाम रहा कि न केवल भिंड में भाजपा का सफाया हो गया, बल्कि ग्वालियर-चंबल संभाग में कांग्रेस को महापौर चुनाव में पहली बार कामयाबी हासिल हुई। इस कामयाबी से न केवल महल का तिलस्म टूटा, बल्कि मुरैना में भी केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के वोट बैंक में सेंध लगा दी। डॉक्टर गोविंद सिंह ने ग्वालियर महापौर चुनाव में कांग्रेस को कामयाबी दिला कर यह संदेश दे दिया है कि सिंधिया के कांग्रेस में रहने की वजह से अपना जनाधार भिंड तक ही सीमित रखा था।

कांग्रेस महल मुक्त हो गई है। यही वजह रही कि 57 साल बाद कांग्रेस ने ग्वालियर के इतिहास को पलट दिया। पूरे चुनावी परिदृश्य पर नजर डालेंए तो इस चुनाव में ग्वालियर-चम्बल में नेता प्रतिपक्ष डॉक्टर गोविंद सिंह की बदौलत ही सियासी हालात यह बन गए कि सत्ताधारी दल के बड़े-बड़े दिग्गजों की रणनीति धरी की धरी रह गई।

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