Ujjain Mahakal Holi: रंगों से सराबोर हुआ महाकाल, भस्मारती में बाबा को लगा गुलाल

Ujjain Mahakal Holi 2023: बाबा महाकाल की नगरी में आज बड़े ही धूम-धाम से होली मनाई गई. महाकाल का दरबार आज लाल, नीले और पीले समेत कई रंगों से सरोबार नजर आया. बाबा के साथ आज भक्तों ने अबीर, हर्बल गुलाल और फूलों की होली मनाई.

Holi With Flowers Herbal Gulal In Ujjain Mahakal Holi: उज्जवल प्रदेश, उज्जैन. दुनिया भर में मनाए जाने वाले रंगों के त्योहार होली की शुरुआत धार्मिक नगरी उज्जैन के विश्व प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर (Mahakaleshwar Temple) से हुई. आज (मंगलवार) सुबह चार बजे भस्मारती में पुजारियों ने बाबा महाकाल के साथ रंगों की होली खेली. बाबा के साथ आज भक्तों ने अबीर, हर्बल गुलाल और फूलों की होली मनाई.

Ujjain Mahakal Holi

इस दौरान बाबा के भक्त भी गुलाल चढ़ाते नजर आए. बाबा की नगरी में आज बड़े ही धूम-धाम से होली मनाई गई. महाकाल का दरबार आज लाल, नीले और पीले समेत कई रंगों से सरोबार नजर आया. यूं तो यहां की होली देश भर में प्रसिद्ध है, जिसे देखने दूर-दूर से भक्त यहां आते हैं.

परंपरा के अनुसार, भस्मारती में बाबा महाकाल को रंग लगाया गया. इस बीच अबीर हर्बल गुलाल और फूलों के साथ भी होली खेली गई. महाकाल मंदिर के पुजारियों ने बताया कि, 12 ज्योतिलिंर्गों में से एक उज्जैन स्थित महाकालेश्वर मंदिर है, जहां भस्म आरती की परंपरा है. रोजाना की तरह आज सुबह भी मंदिर में भस्म आरती के दौरान कपाट खोले गए. इसके बाद बाबा को जल से स्नान करवाया गया. इसी तरह दूध, दही, घी, शहद, फलों के रस से बने पंचामृत से बाबा महाकाल का अभिषेक पूजन करवाया गया. इस बीच पूजा-अर्चना के बाद आरती की गई और फिर बाबा को हर्बल गुलाल लगाया गया.

मंदिर के पुजारियों के अनुसार, हर साल दो बार बाबा की आरतियों के समय में बदलाव किया जाता है. यह बदलाव चैत्र कृष्ण प्रतिपदा 8 मार्च को होलिका दहन के दिन किया जाएगा, जिसके बाद महाकालेश्वर की दिनचर्या बदलाव देखने को मिलेगा. बदलाव के चलते आरतियों के समय में आधा घंटे का बदलाव होता है. वहीं होली से चैत्र कृष्ण प्रतिपदा से अश्विन पूर्णिमा तक महाकाल को ठंडे पानी से स्नान करवाने का सिलसिला शुरू हो जाता है.

  • होली के दिन प्रथम भस्म आरती – प्रात: 4 से 6 बजे तक होगी.
  • द्वितीय दद्योदक की आरती – 7 से 7:45 बजे तक होगी.
  • तृतीय भोग की आरती – 10 से 10: 45 बजे तक होगी.
  • चतुर्थ संध्याकालीन पूजन का शाम – 5 से 5:45 बजे तक होगी.
  • पंचम संध्या आरती शाम – 7 से 7:45 बजे तक होगी.
  • शयन आरती रात्रि – 10:30 से 11:00 बजे तक होगी.

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