कुतुब मीनार: मंदिरों के जीर्णोद्धार की अपील पर सुनवाई 24 मई तक स्थगित

नई दिल्ली
दिल्ली के साकेत कोर्ट ने मंगलवार को महरौली में कुतुब मीनार (Qutub Minar) परिसर में 27 हिंदू और जैन मंदिरों की बहाली के संबंध में एक अपील पर सुनवाई 24 मई के लिए स्थगित कर दी। अपील में आरोप लगाया गया है कि महरौली में कुतुब मीनार परिसर के भीतर स्थित कुव्वत-उल-इस्लाम मस्जिद को एक मंदिर परिसर के स्थान पर बनाया गया था। याचिकाकर्ता ने जैन देवता तीर्थंकर भगवान ऋषभ देव और हिंदू देवता भगवान विष्णु की ओर से दायर मुकदमे में कथित मंदिर परिसर की बहाली की मांग की गई है, जिसमें 27 मंदिर शामिल हैं। अब इस मामले की अगली सुनवाई 24 मई को होगी।

अपील में कहा गया है कि भारत की धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत को सहेजने एवं संरक्षित करने के लिए और 27 हिंदू और जैन मंदिरों को संबंधित देवताओं के साथ बहाल करके भारत के संविधान के अनुच्छेद 25 और 26 द्वारा प्रदत्त धर्म के अधिकार का प्रयोग करने के लिए मुकदमा दायर किया गया था, जिन्हें नष्ट, अपवित्र और क्षतिग्रस्त कर दिया गया था। आक्रमणकारी मोहम्मद गोरी के कमांडर और गुलाम वंश के संस्थापक कुतुबुद्दीन ऐबक के आदेश के तहत मंदिरों के उस स्थान पर इसका निर्माण किया, जिसका नाम कुव्वत-उल-इस्लाम मस्जिद रखा गया। इसमें दावा किया गया है कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के अनुसार, 27 हिंदू और जैन मंदिरों को ध्वस्त कर दिया गया था और उस सामग्री का पुन: उपयोग करके परिसर के अंदर कुव्वत-उल-इस्लाम मस्जिद को खड़ा किया गया था। अपील में उन ध्वस्त मंदिरों को "पुनर्स्थापित" करने की मांग की गई थी।

हिन्दू संगठनों ने कुतुब मीनार के पास किया था हनुमान चालीसा पाठ
बता दें कि, कुतुब मीनार परिसर के बाहर पिछले मंगलवार को एक हिन्दू संगठन के सदस्यों ने हनुमान चालीसा का पाठ कर स्मारक का नाम बदलकर 'विष्णु स्तंभ' किए जाने की मांग करते हुए विरोध प्रदर्शन किया था। इस दौरान बिना इजाजत प्रदर्शन करने पर 44 प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया था। यूनाइटेड हिंदू फ्रंट के अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष भगवान गोयल ने दावा किया था कि कुतुब मीनार 'विष्णु स्तम्भ' है जिसे महान सम्राट विक्रमादित्य ने बनावाया था। उन्होंने कहा कि बाद में कुतुबुद्दीन ऐबक ने इसका श्रेय लेने का प्रयास किया। परिसर में 27 मंदिर थे और उन्हें ऐबक ने नष्ट कर दिया था। इन सबके प्रमाण उपलब्ध हैं क्योंकि कुतुब मीनार परिसर में रखी हुई हिंदू देवताओं की मूर्तियों को लोग देख सकते हैं। हमारी मांग है कि कुतुब मीनार को 'विष्णु स्तंभ' नाम दिया जाना चाहिए।  

 

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