यूपी: 53 हाईस्कूल और इंटर कॉलेज बन रहे, हजारों छात्रों को मिलेगा लाभ, मंत्री गुलाब देवी ने गिनाईँ सौ दिन की उपलब्धियां

लखनऊ
यूपी में 53 हाईस्कूल और इंटरमीडिएट कॉलेजों का निर्माण शुरू हो रहा है। इसमें आठ हजार से ज्यादा छात्रों को लाभ मिलेगा। माध्यमिक शिक्षा राज्यमंत्री गुलाब देवी ने 100 दिन पूरे होने पर आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि हम राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने में आगे रहे।  उन्होंने बताया कि पहुंच पोर्टल से स्कूल मैपिंग हो चुकी है। इससे स्कूल स्थापित करने में मदद मिलेगी। करियर काउंसलिंग के लिए भी पोर्टल विकसित किया गया है। हमने ई-लाइब्रेरी पोर्टल भी विकसित किया है जिस पर प्रतियोगी परीक्षाओं, स्टार्ट अप आदि की जानकारी भी मिलेगी। कोई भी इस ऐप पर बुक देख सकेगा। निरीक्षण के लिए परख पोर्टल विकसित है। स्कूल के मानकों के मुताबिक श्रेणियों का विभाजन किया जायेगा। सभी स्कूलों के वेब पेज भी हमारी वेबसाइट पर उपलब्ध हैं। इससे स्कूल के विषय में पूरी जानकारी मिल सकेगी।

उन्होंने बताया कि कौशल विकास मिशन के तहत स्किल डेवलपमेंट का सर्टिफिकेट कोर्स भी स्कूलों में शुरू होगा। 39 हाईस्कूल और 14 इंटरमीडिएट की स्थापना चल रही है। गुलाब देवी ने कहा कि सभी सरकारी स्कूल में बायोमेट्रिक अटेंडेंस हो रही है। स्मार्ट क्लास की स्थापना भी चल रही है।  मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना के विस्तार के लिए बीस करोड़ का बजट दिया गया है। हर जिले में सम्पर्क केन्द्र बनवाए जा रहे हैं। 56 सम्पर्क केन्द्र बन चुके हैं। आईएएस पीसीएस के अलावा नीट, जेई और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करवाई जाएगी। एण्टी करप्शन यूनिट कायम की गई है। आईटी सेल बनाया गया है और आंतरिक आडिट करवाया जा रहा है ताकि भ्रष्टाचार को रोका जा सके।

ट्रांसजेंडर के लिए किन्नर कल्याण बोर्ड बना है। गरिमा गृह हर मंडल में बनवाए जा रहे हैं जहां निराश्रित किन्नर रह सकेंगे। उनका स्किल डेवलपमेंट भी करवाया जाएगा। राजकीय वृद्धाश्रम में रह सकेंगे। एक कान्ट्रेक्ट सेंटर अगले तीन माह में संचालित हो जाएगा। समाज कल्याण राज्य मंत्री संजीव गोंड ने जनजाति वर्ग के हित में किये जा रहे कार्यक्रम की जानकारी दी। 13 जिलों में जनजाति की आबादी है। इन जिलों में जन वनाधिकार कानून के तहत भूमि का अधिकार 15 नवम्बर तक दिलवाने का प्रयास किया जा रहा है। छात्रवृत्ति की राशि के केन्द्रांश और राज्यांश एक साथ बैंक खाते में जाएगा। अगले सत्र से छात्र छात्राओं को पहले ही बता दिया जाएगा कि वह छात्रवृत्ति के योग्य हैं या नहीं।

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