सूर्यकुमार यादव ने बताया किस पोजिशन पर उनको बल्लेबाजी करना सबसे ज्यादा अच्छा लगता है

मोहाली
जुलाई में वेस्टइंडीज दौरे पर सूर्यकुमार यादव ने भारत के लिए ओपनिंग की थी। यह शायद एक प्रयोग था और उस प्रयोग ने प्रभाव डाला, क्योंकि उन्होंने 4 मैचों में 76 रन के हाई स्कोर के साथ 135 रन बनाए। कुल मिलाकर, उन्होंने एक सलामी बल्लेबाज के रूप में सभी को प्रभावित किया। ऐसे में सवाल उठ रहा था कि केएल राहुल की जगह उन्हीं से ओपनिंग कराई जाए, लेकिन सूर्या ने स्पष्ट बताया है कि उन्हें कौन सी पोजिशन पर बल्लेबाजी करना पसंद है।

इंग्लैंड के खिलाफ दाएं हाथ के बल्लेबाज सूर्यकुमार यादव ने नंबर चार पर खेलते हुए शतक भी जड़ा था, लेकिन अब यह देखना होगा कि टीम मैनेजमेंट उन्हें उस महत्वपूर्ण पद पर रखता है या उन्हें और डिमोट किया जाएगा। यहां तक कि ऑस्ट्रेलियाई दिग्गज रिकी पोंटिंग को भी लगता है कि उन्हें चौथे नंबर पर बल्लेबाजी करनी चाहिए। वहीं, इस पूरे मामले को लेकर सूर्यकुमार यादव का क्या कहना है, ये अपने आप में एक बड़ी बात है।  

सूर्यकुमार यादव ने कहा, "मुझे हर पोजिशन पर बल्लेबाजी करना पसंद है: 1, 3, 4, 5। मुझे लगता है कि नंबर 4 मेरे लिए एक अच्छी पोजिशन है। जिस पोजिशन में, मैं बल्लेबाजी करने जाता हूं वह मुझे खेल को नियंत्रित करने की अनुमति देता है। जब मैं सात से 15 ओवर के बीच बल्लेबाजी करता हूं तो मुझे सबसे ज्यादा मजा आता है। मैं उस चरण में सकारात्मक रहने की कोशिश करता हूं।"

उन्होंने आगे कहा, "मैंने ऐसे बहुत से मैच देखे हैं, जहां टीमों का पावरप्ले शानदार होता है और अंत मजबूत होता है, लेकिन मुझे लगता है कि टी20 मैच में सबसे महत्वपूर्ण समय आठवें ओवर से लेकर 14वें ओवर तक का होता है। आपको उस चरण में पेडल को जोर से दबाने की जरूरत है। मैं ज्यादा जोखिम भरे शॉट नहीं खेलने की कोशिश करता हूं।" वह हमेशा V (कवर ड्राइव और प्वाइंट) में शॉट खेलना पसंद करते हैं।

Sourabh Mathur

सौरभ माथुर एक अनुभवी न्यूज़ एडिटर हैं, जिनके पास 13 वर्षों का एडिटिंग अनुभव है। उन्होंने कई मीडिया हॉउस के संपादकीय टीमों के साथ काम किया है। सौरभ ने समाचार लेखन, संपादन और तथ्यात्मक विश्लेषण में विशेषज्ञता हासिल की, हमेशा सटीक और विश्वसनीय जानकारी पाठकों तक पहुंचाना उनका लक्ष्य रहा है। वह डिजिटल, प्रिंट और ब्रॉडकास्ट मीडिया में भी अच्छा अनुभव रखतें हैं और पत्रकारिता के बदलते रुझानों को समझते हुए अपने काम को लगातार बेहतर बनाने की कोशिश करते रहतें हैं।

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