चीन की सख्ती से थमा Suzuki Swift का पहिया, मैग्नेट की कमी ने रोका स्विफ्ट का प्रोडक्शन, रेयर अर्थ संकट से जापान में भी रुका उत्पादन
Suzuki Swift: सुजुकी ने जापान में स्विफ्ट कारों का उत्पादन चीन की रेयर अर्थ मैग्नेट पाबंदी के चलते रोक दिया है। चीन का निर्यात नियंत्रण वैश्विक ऑटो सेक्टर को प्रभावित कर रहा है। इसका असर भारत समेत दुनियाभर की कार इंडस्ट्री पर पड़ सकता है। कंपनियां अब वैकल्पिक विकल्पों की तलाश में हैं।

Suzuki Swift: उज्जवल प्रदेश डेस्क. रेयर अर्थ मेटल्स की आपूर्ति में चीन की एकाधिकार नीति का असर अब जापानी ऑटो इंडस्ट्री पर भी दिखने लगा है। सुजुकी मोटर ने स्विफ्ट के उत्पादन को रोक दिया है, जिससे वैश्विक सप्लाई चेन पर संकट गहरा गया है।
सुजुकी को चीन से झटका, स्विफ्ट का प्रोडक्शन रोका गया
जापान की जानी-मानी ऑटोमोबाइल कंपनी सुजुकी मोटर को अपने घरेलू प्लांट्स में स्विफ्ट कॉम्पैक्ट कारों का उत्पादन रोकना पड़ा है। इस फैसले के पीछे चीन द्वारा रेयर अर्थ मैग्नेट के निर्यात पर लगाई गई सख्त पाबंदियां बताई जा रही हैं। यह फैसला न केवल जापान बल्कि वैश्विक ऑटो उद्योग के लिए भी चिंता का विषय बन गया है।
रेयर अर्थ मैग्नेट की भूमिका
रेयर अर्थ मैग्नेट हाई-टेक उपकरणों और इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण में बेहद अहम भूमिका निभाते हैं। इनका इस्तेमाल मोटर्स, बैटरियों, सेंसर और अन्य इलेक्ट्रॉनिक यूनिट्स में किया जाता है। स्विफ्ट जैसे आधुनिक वाहनों में इनका उपयोग अनिवार्य है।
चीन की हिस्सेदारी और डोमिनेंस
ग्लोबल स्तर पर रेयर अर्थ मेटल्स की माइनिंग में चीन की हिस्सेदारी करीब 70 प्रतिशत और प्रोसेसिंग व प्रोडक्शन में लगभग 90 प्रतिशत है। इसका मतलब है कि पूरी दुनिया इस क्षेत्र में चीन पर बहुत हद तक निर्भर है। इसी निर्भरता ने अब सुजुकी जैसी दिग्गज कंपनी के लिए संकट खड़ा कर दिया है।
सुजुकी को क्यों रोकना पड़ा प्रोडक्शन
निक्केई एशिया की रिपोर्ट के अनुसार, चीन द्वारा रेयर अर्थ मैग्नेट के निर्यात में कमी से सुजुकी को अपने स्विफ्ट मॉडल्स की सप्लाई चेन बाधित करनी पड़ी है। हालांकि कंपनी की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन उद्योग सूत्रों का मानना है कि यह सीधा असर चीन की पॉलिसी का है।
भारतीय बाजार पर प्रभाव
भारत में स्विफ्ट एक पॉपुलर हैचबैक कार है और इसकी डिमांड हमेशा बनी रहती है। जापान में प्रोडक्शन रोके जाने का असर भारत में इसके पार्ट्स की सप्लाई और संभावित वेरिएंट्स पर पड़ सकता है। हालांकि मारुति सुजुकी भारत में ही स्विफ्ट का निर्माण करती है, लेकिन कुछ विशेष कंपोनेंट्स जापान से आयात होते हैं।
SIAM ने जताई चिंता
सोसायटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (SIAM) ने भारत सरकार के समक्ष चिंता जताई है कि यदि चीन की आपूर्ति प्रभावित होती है, तो भारत में उत्पादन प्रक्रिया पर भी असर पड़ेगा। विशेष रूप से EV सेगमेंट में मैग्नेट की कमी बड़ी बाधा बन सकती है।
पेचीदा हुआ चीन से आयात का प्रोसेस
चीन ने अब रेयर अर्थ मैग्नेट के निर्यात को लेकर सख्त नियम लागू किए हैं। चीन से ऐसे चुम्बकों के शिपमेंट के लिए अब कंपनियों को एंड-यूज सर्टिफिकेट देना होगा जिसमें यह स्पष्ट करना होगा कि इनका सैन्य उपयोग नहीं किया जाएगा। इससे भारतीय और अन्य विदेशी कंपनियों के लिए आयात की प्रक्रिया और अधिक कठिन हो गई है।
चीन का इरादा क्या है
रॉयटर्स की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि यह चीन की रणनीतिक चाल है जो अमेरिका के साथ चल रहे व्यापार युद्ध (टैरिफ वॉर) का हिस्सा है। विशेषज्ञों का मानना है कि चीन अपनी वैश्विक स्थिति का फायदा उठाकर राजनीतिक और व्यापारिक लाभ लेना चाहता है।
विकल्प क्या हैं
विश्व के कई देश अब वैकल्पिक आपूर्ति स्रोतों की खोज में जुट गए हैं। ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका और भारत में भी रेयर अर्थ मेटल्स की माइनिंग की योजनाएं तेजी से बन रही हैं, लेकिन इनकी प्रोसेसिंग में अभी समय लगेगा। ऐसे में कम से कम निकट भविष्य में चीन पर निर्भरता से पूरी तरह छुटकारा पाना संभव नहीं दिखता।
वैश्विक ऑटो उद्योग के लिए चेतावनी
सुजुकी की इस स्थिति को केवल एक कंपनी की समस्या नहीं माना जा सकता। यह पूरी ग्लोबल ऑटो इंडस्ट्री के लिए एक बड़ा अलार्म है। ईवी और हाई-टेक ऑटो सेगमेंट की ओर तेजी से बढ़ती दुनिया को अब अपने मैटेरियल सोर्सिंग की रणनीति दोबारा बनानी होगी।