1 अप्रैल से UPI Transactions पर लगेगा टैक्स, सरकार ने बदले नियम

UPI Transactions : डिजिटल इंडिया के तहत भारत में आजकल लगभग 70 प्रतिशत से ज्यादा लोग यूपीआई से लेनदेन करते हैं। स्थित ये है कि बैंकों में भीड़ कम देखने को मिल रही है। आजकल लेनदेन यूपीआई व एटीएम के जरिये किया जा रहा है।

UPI Transactions : उज्जवल प्रदेश डेस्क. UPI डिजिटल इंडिया के तहत भारत में आजकल लगभग 70 प्रतिशत से ज्यादा लोग यूपीआई से लेनदेन करते हैं। स्थित ये है कि बैंकों में भीड़ कम देखने को मिल रही है। आजकल लेनदेन यूपीआई व एटीएम के जरिये किया जा रहा है।भारत में डिजिटल भुगतान प्रणाली तेजी से लोकप्रिय हो रही है। सरकार ने खजाना भरने के लिये अब UPI लेनदेन पर टैक्स लगाएगी जो 1 अप्रैल 2025 से लागू हो जाएगा। हालांकि उन लोगों पर लागू होगा जो नियमित रूप से UPI का उपयोग करते हैं।

लेनदेन पर टैक्स लागू होगा

केन्द्र सरकार द्वारा बनाये गए नये इस नए नियम का क्या प्रभाव पड़ेगा, किन लेनदेन पर टैक्स लागू होगा, और ग्राहकों को इससे कैसे प्रभावित किया जाएगा। साथ ही, हम यह भी देखेंगे कि UPI भुगतान प्रणाली की वर्तमान स्थिति क्या है और इसे कैसे सुरक्षित रखा जा सकता है।

UPI पेमेंट पर टैक्स: सरकार का नया फैसला

केन्द्र की मोदी सरकार ने घोषणा की है कि 1 अप्रैल 2025 से UPI लेनदेन पर 1.1% का टैक्स लगेगा। हालांकि यह लेनदेन की राशि 2,000 से अधिक है। यह निर्णय मुख्य रूप से PPIs के माध्यम से किए गए लेनदेन किया जाएगा।

भारत में तेजी से डिजिटल लेनदेन बढ़ रहा है

आज भारत में पिछले एक दशक से डिजिटल लेनदेन भुगतान ने ज्यादा जो पकड़ा है। डिजिटल भुगतान प्रणाली को नियंत्रित करने के लिए अब यह जरूरी हो गया है। केन्द्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि “डिजिटल लेनदेन तेजी से बढ़ रहे हैं, अब एसे में सुनिश्चित हो गया है कि सभी लेनदेन पर उचित टैक्स लगाया जाए।”

UPI ने 16.99 बिलियन लेनदेन किए

आज स्थति ये है कि UPI प्रणाली ने भारत में वित्तीय लेनदेन के तरीके को बदल दिया है। यह न अब मात्र सुविधाजनक ही नहीं बल्कि तेज़ भी है। पिछले माह जनवरी 2025 में, UPI ने 16.99 बिलियन का लेनदेन किया है तो वहीं जिनकी कुल वैल्यू 23.48 लाख करोड़ थी। यह संख्या पिछले वर्ष की तुलना में काफी बढ़ी है।

सावधानी बरतने की आवश्यकता होगी

आज की धोखाधड़ी में हमें UPI भुगतान पर लगने वाला यह नया टैक्स निश्चित रूप से ग्राहकों के लिए एक बहुत बड़ा झटका साबित होगा। वैसे इसके पीछे सरकार का बड़ा उद्देश्य ये है कि कर राजस्व बढ़ाना और डिजिटल भुगतान प्रणाली को नियंत्रित करना है, लेकिन इसके प्रभावों को ध्यान में रखते हुए ग्राहकों को अब ज्यादा सावधानी बरतने की आवश्यकता होगी।

लेनदेन की मात्रा और प्रकार पर ध्यान दें

बढ़ते यूपीआई लेनदेन में ग्राहकों को चाहिए कि वे अपने लेनदेन की मात्रा और उसके प्रकार पर हमें ध्यान देने की जरूरत है। ताकि वे इस नए टैक्स से बच सकें। वहीं अब इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि वे किस प्रकार के भुगतान विधियों का उपयोग कर रहे हैं । बता दें कि इस प्रकार, यह नया नियम हमारे देश में डिजिटल भुगतान प्रणाली को प्रभावित करेगा और ग्राहकों को अपने वित्तीय व्यवहार में बदलाव लाने के लिए प्रेरित करेगा।

Deepak Vishwakarma

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