Bhopal Gas Tragedy के 337 मीट्रिक टन अत्यंत जहरीले कचरे से राजधानी को मिलेगी निजात

Bhopal Gas Tragedy को 40 साल हो चुके हैं। सरकार को भोपाल गैस त्रासदी के जहरीले कचरे मामले में सभी अनुमतियां मिल चुकी है।

Bhopal Gas Tragedy: उज्जवल प्रदेश, भोपाल. प्रदेश की राजधानी भोपाल को भोपाल गैस त्रासदी के अत्यंत जहरीले 337 मीट्रिक टन कचरे से आजादी मिलेगी। सरकार को भोपाल गैस त्रासदी के जहरीले कचरे मामले में सभी अनुमतियां मिल चुकी है। जानकारी के अनुसार गुप्त तरीके से किसी भी वक्त कचरा हटाने की कार्रवाई हो सकती है।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार 250 किलोमीटर लंबाई का भोपाल से पीथमपुर तक ग्रीन कॉरिडोर बनाया जाएगा। 40 साल बाद पीथमपुर में वैज्ञानिक पद्धति से निष्पादन होगा। रामकी एनवायरो में वैज्ञानिकों के निगरानी में निष्पादन होगा। कचरे को जलाकर निष्पादित किया जाएगा।

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12 ट्रैकों में साइंटिफिक क्लोजर के साथ भारी सुरक्षा बल की मौजूदगी में कचरा ले जाया जाएगा। 300 से ज्यादा पुलिस बल तैनात रहेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को 6 जनवरी तक हटाने के निर्देश दिए थे। गैस राहत त्रासदी मंत्रालय ने भोपाल और इंदौर कमिश्नर को निर्देश दिया है। सभी आवश्यक तैयारी रखने का निर्देश दिए है। किसी भी वक्त जानलेवा जहरीला कचरा हटाया जा सकता है। निर्देश भोपाल गैस त्रासदी राहत मंत्रालय का है।

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Ramesh Kumar Shaky

रमेश कुमार शाक्य एक अनुभवी पत्रकार हैं, जिनके पास 22 वर्षों से अधिक का अनुभव है। अपने करियर के दौरान, उन्होंने कई प्रतिष्ठित समाचार संगठनों के साथ काम किया और पत्रकारिता के क्षेत्र में अपनी विशेषज्ञता का प्रदर्शन किया। वे समाचार का प्रबंधन करने, सामग्री तैयार करने और समय पर सटीक समाचार प्रसारण सुनिश्चित करने में माहिर हैं। वर्तमान घटनाओं की गहरी समझ और संपादकीय कौशल के साथ, उन्होंने समाचार उद्योग में महत्वपूर्ण स्थान हासिल किया है। उन्होंने राजनीति, व्यापार, संस्कृति और अंतर्राष्ट्रीय मामलों जैसे विभिन्न क्षेत्रों में समाचार कवरेज एवं संपादन किया है।

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