Mahakumbh 2025 में अनोखा कलाकारी, एक पेंटिंग में बना डाली 20 लाख आकृतियां की पूरी रामचरित मानस

Mahakumbh 2025: महाकुंभ के सेमिनार में लगाया गया है अनोखी कलाकृतियाँ, जो लोगों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ हैं। इसी सिलसिले में चित्रकार नवीन शर्मा ने रामचरित्र मानस की ऐसी पेंटिंग बनाई है जो लोगों को आकर्षित कर रही है। इस पेंटिंग को महाकुंभ के अखाड़ा क्षेत्र में एग्जीबिशन में लगाया गया है।

Mahakumbh 2025: उज्जवल प्रदेश, प्रयागराज. प्रयागराज महाकुंभ में अनोखे नजारे देखने को मिल रहे हैं। इसी सिलसिले में चित्रकार नवीन शर्मा ने रामचरित्र मानस की ऐसी पेंटिंग बनाई है जो लोगों को आकर्षित कर रही है। इसे महाकुंभ में सेमिनार में लगाया गया है। यहां आने वाले लोग इस पेंटिंग को देखकर आकर्षित हो रहे हैं। नवीन शर्मा जयपुर राजस्थान के निवासी हैं। महाकुंभ के अखाड़ा क्षेत्र में एग्जीबिशन में इस पेंटिंग को लगाया गया है।

पेंटिंग में रामचरित्र मानस

नवीन शर्मा ने बताया कि, ”मैंने रामचरित्र मानस को पेंटिंग पर उकेरा है। जिसमें लगभग 20 लाख आकृतियां हैं। संपूर्ण रामचरित्र मानस के जितने भी प्रसंग हैं इसमें चित्रित हैं। इसके अलावा इसमें राम मंदिर है, राम लला हैं। मंदिर के आगे लाखों भक्त दिखाई देंगे.” जब उनसे पूछा गया कि इसकी क्या कीमत है। तो उन्होंने कहा कि, ”इसकी कोई कीमत नहीं है। न मैं रामचरित्र मानस को बेचना चाहता हूं। उन्होंने दावा किया कि यह पेंटिंग राष्ट्रीय धरोहर घोषित होगी। यूथ इसे देखकर इसकी तरफ अट्रैक्ट होंगे और रामचरित्र मानस के बारे में जानने की कोशिश करेंगे। अपने सनातन धर्म की तरफ उनका झुकाव होगा।”

पेंटिंग में 211 प्रसिद्ध मंदिर चित्रित

नवीन शर्मा ने ईटीवी भारत को बताया कि, ”पेंटिंग में करीब 20 लाख चित्रों को समाहित किया गया है। संपूर्ण मानस 500 खंडों में है। इसमें 211 प्रसिद्ध मंदिर चित्रित हैं। विष्णू जी के 24 अवतार हैं। हनुमान जी और भगवान राम का स्नेह मिलन है। पेंटिंग में बॉर्डर पर 51000 बार ब्रश के बाल से राम नाम लिखा है।” उन्होंने बताया कि। पेंटिग को संतों ने काफी सराहा है। मानस पेटिंग को बनाने में कुल 6 साल यानि 7600 घंटे से अधिक समय लगा।

एक पेंटिंग में बना डाली पूरी रामचरित मानस

नवीन शर्मा ने बताया, ”इसमें हमने पेंटिंग में सवा दो इंच के बॉर्डर में भक्तगणों, भगवान विष्णु के दशावतार सहित 24 तीर्थंकर चित्रित हैं एवं गौवंश कामधेनु तथा माँ दुर्गा के नौ रूप भी चित्रित हैं। मैंने कलाकृति के चारों कोनों में चारों युगों के मंदिरों का भी चित्रण किया है। आधा इंच की बॉर्डर में 31 प्रसिद्ध हनुमान मंदिर की मूर्तियों का चित्रण भी किया गया है।”

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