Videsh News: बिछड़े पति का 80 साल तक WAIT करते विदा हुईं CHINA की 103 की हुझैन
Videsh News: चीन की 103 साल की बुजुर्ग महिला 8 दशक से ज्यादा समय तक अपने बिछड़े पति का इंतजार करती रहीं। वे पति की याद के तौर पर तकिये का कवर अपने हाथों में रखकर दुनिया को अलविदा कह गईं।

Videsh News: उज्जवल प्रदेश, बीजिंग. चीन (CHINA) की 103 साल (103 Years) का जीवन जीने के बाद दुनिया से विदा हुईं बुजुर्ग महिला की कहानी किसी को भी भावुक कर सकती है। उन्होंने 8 दशक से ज्यादा समय तक अपने बिछड़े पति (Estranged Husband) का इंतजार (Waiting) किया, लेकिन सब बेकार रहा। आखिरी सांस लेते समय महिला ने यादगार के तौर पर तकिये का कवर अपने हाथों में रखा और दुनिया को अलविदा (Passed Away) कह दिया।
कहानी चीन की डू हुझैन ( Du Huzhan) की है। वह अब दुनिया में नहीं हैं, लेकिन उनकी कहानी सदियों तक लोगों को सुनाई जाएगी। उन्होंने दक्षिण पश्चिम चीन के गुइझू प्रांत में 8 मार्च को अंतिम सांस ली। हालांकि, उनकी मौत की वजह परिवार की तरफ से सार्वजनिक नहीं की गई है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, उनके परिवार ने बताया है कि हुझैन की शादी 1940 में हुई थी।
कहां गए पति
साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, निधन से पहले हुझैन ने तकिये का कवर अपने हाथों में रखा था। खास बात है कि यह कवर उन्होंने अपनी शादी के समय इस्तेमाल किया था। वह पति हुआंग जुन्फू से तीन साल बड़ी थीं। खबर है कि शादी के तुरंत बाद ही हुआंग कुओमिंतांग सेना में शामिल हो गए थे और जंग के लिए निकल पड़े थे।
अब साल 1943 में यानी 3 साल के बाद हुझैन ने जुन्फू को खोज निकाला और उनके ही साथ रहीं, लेकिन गर्भवती होने के बाद वह घर लौट आईं। इसके बाद जनवरी 1944 में उन्हें बेटा हुआ, जिसका नाम हुआंग फचांग रखा गया। हालांकि, जुन्फू इसके बाद भी घर लौटे थे, लेकिन कुछ ही समय में घर से दोबारा सेना के काम के लिए निकले और फिर कभी वापस नहीं आए। वह खत भेजते रहे, लेकिन यह सिलसिला भी 15 जनवरी 1952 में खत्म हो गया।
कैसे काटे दिन
रिपोर्ट के अनुसार, जिस पेपर का जुन्फू ने इस्तेमाल किया था, उससे संकेत मिल रहे थे कि वह मलेशिया में चीनी निर्माण कंपनी में काम कर रहे थे। वहीं, उनका इंतजार कर रहीं हुझैन दिन में खेत पर काम करतीं और शाम को सैंडल और कपड़ों की बुनाई कर घर चलाती थीं। परिवार ने जुन्फू को खोजने की कई कोशिशें की, लेकिन सब बेकार रहीं।
‘अगर वह लौट आए तो’
उनका परिवार बताता है कि उन्होंने शादी के लिए भी इनकार कर दिया था। वह कहती थीं, ‘अगर वह एक दिन लौट आए तो?’ उनका बेटा फचांग 70 के दशक में स्कूल में शिक्षक बन गए थे और 2022 में उन्होंने भी अंतिम सांस ली थी। रिपोर्ट के मुताबिक, जुन्यी काउंटी के सरकारी विभाग के दस्तावेज बताते हैं कि जुन्फू 1950 में मलेशिया में रहने लगे थे और कई सालों के बाद सिंगापुर चले गए थे। हालांकि, इसके बाद उनकी कोई जानकारी नहीं है।