Viral Video: शिकार के बाद चीतों ने किया आराम तो शावकों ने की जमकर शरारत

Viral Video: कूनो नेशनल पार्क से वायरल हुआ वीडियो दिखाता है प्रोजेक्ट चीता की सफलता—नर चीते अग्नि और वायु का शिकार के बाद विश्राम और शावकों की मस्ती ने सबका दिल जीत लिया।

Viral Video: उज्जवल प्रदेश डेस्क. भारत का महत्वाकांक्षी ‘प्रोजेक्ट चीता’ अब उम्मीद से आगे बढ़ता दिखाई दे रहा है। 70 साल पहले भारत से विलुप्त हो चुके चीतों की वापसी का सपना अब धीरे-धीरे हकीकत बनता दिख रहा है। इस बात का प्रमाण हाल ही में वायरल हुए दो खूबसूरत वीडियो हैं, जिन्हें केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने सोशल मीडिया पर साझा किया।

इन वीडियो में कूनो राष्ट्रीय उद्यान के घास के मैदानों में स्वाभाविक रूप से विचरण करते चीते दिखाई दे रहे हैं। एक वीडियो में नर चीते ‘अग्नि’ और ‘वायु’ शिकार के बाद आराम करते नजर आ रहे हैं। इन दोनों चीतों को 4 दिसंबर 2024 को जंगल में छोड़ा गया था और अब वे अपने नए पर्यावास में पूरी तरह से अनुकूल हो चुके हैं। वीडियो में उनकी ताकत, गति और शिकार कौशल साफ तौर पर दिखाई देता है।

दूसरे वीडियो में आशा चीता के 18 महीने के नर शावक एक-दूसरे के साथ खेलते और आराम करते नजर आ रहे हैं। जंगल में इनका यह व्यवहार सामाजिक अनुकूलन और पर्यावरण के प्रति सहजता का संकेत है। यह इस बात का सबूत है कि ये शावक न केवल वातावरण में ढल चुके हैं, बल्कि एक सफल पारिस्थितिकीय संतुलन की ओर भी बढ़ रहे हैं।

ये दृश्य न सिर्फ प्रोजेक्ट चीता की प्रगति को दर्शाते हैं, बल्कि आम जनता को वन्यजीव संरक्षण के महत्व से भी जोड़ते हैं। सोशल मीडिया पर इन वीडियो को लाखों बार देखा जा चुका है और लोग इस प्रयास की सराहना कर रहे हैं। कूनो की यह कहानी अब सिर्फ पुनर्स्थापन नहीं, बल्कि एक नई शुरुआत बन चुकी है – जंगल की गोद में फिर से लौटते चीते।

यहां देखें Viral Video

“प्रोजेक्ट चीता”, एक ऐतिहासिक संरक्षण पहल, आधिकारिक तौर पर 17 सितंबर, 2022 को शुरू हुई, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नामीबिया से स्थानांतरित किए गए आठ चीतों के पहले समूह को कुनो राष्ट्रीय उद्यान में छोड़ा। इसके बाद 18 फरवरी, 2023 को दक्षिण अफ्रीका से 12 चीतों का एक दूसरा समूह आया, जिससे पार्क की चीता आबादी में उल्लेखनीय वृद्धि हुई।

भारत सरकार के एक बयान के अनुसार, नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से 20 चीतों का कुनो राष्ट्रीय उद्यान में स्थानांतरण सफल रहा है, जहां चीतों ने अच्छी तरह से अनुकूलन किया है और शिकार तथा संभोग जैसे प्राकृतिक व्यवहार प्रदर्शित किए हैं। उल्लेखनीय है कि एक मादा नामीबियाई चीता, आशा, ने 75 साल की अनुपस्थिति के बाद भारतीय धरती पर तीन शावकों को जन्म दिया है। इस परियोजना ने ‘चीता मित्रों’ के माध्यम से स्थानीय समुदायों को भी जोड़ा है, जिससे सह-अस्तित्व को बढ़ावा मिला है और रोज़गार के अवसर प्रदान किए गए हैं, जिससे क्षेत्र पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है।

Deepak Vishwakarma

दीपक विश्वकर्मा एक अनुभवी समाचार संपादक और लेखक हैं, जिनके पास 13 वर्षों का गहरा अनुभव है। उन्होंने पत्रकारिता के विभिन्न पहलुओं में कार्य किया है, जिसमें समाचार लेखन, संपादन… More »

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