Apple बनाम ऑटो कंपनियां: CarPlay Ultra को लेकर क्यों मचा घमासान? क्यों डर रही हैं मर्सिडीज और ऑडी जैसी लग्जरी कार कंपनियां?

Apple की नई CarPlay Ultra तकनीक को मर्सिडीज, ऑडी, वोल्वो जैसे ब्रांड्स ने अपनाने से मना कर दिया है। इस टेक्नोलॉजी के जरिए Apple वाहन के पूरे डिजिटल डैशबोर्ड को कंट्रोल करता है। ऑटो कंपनियां इससे अपने सिस्टम और ब्रांड पहचान को खतरा मान रही हैं।

उज्जवल प्रदेश डेस्क. टेक्नोलॉजी और ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री का मेल नई ऊंचाइयों पर है, लेकिन Apple की नई CarPlay Ultra टेक्नोलॉजी को लेकर यह गठजोड़ दरकता नजर आ रहा है। कई बड़ी कंपनियां इसे अपनाने से पीछे हट गई हैं। आखिर क्यों? जानिए पूरी कहानी विस्तार से।

यहीं से शुरू होता है विवाद

Apple ने हाल ही में अपनी अपडेटेड कार टेक्नोलॉजी CarPlay Ultra पेश की है, जो iPhone जैसे इंटरफेस पर पूरी कार को कंट्रोल करने की क्षमता रखती है। यह सिर्फ एक इन्फोटेनमेंट सिस्टम नहीं, बल्कि ड्राइवर डिस्प्ले, क्लाइमेट कंट्रोल, और इंजन से जुड़ी जानकारियों को भी संभाल सकती है।

यह तकनीक इतनी एडवांस है कि कार का हर डिजिटल फंक्शन अब Apple के हाथों में आ जाता है। यहीं से शुरू होता है विवाद।

क्या है CarPlay Ultra टेक्नोलॉजी?

CarPlay Ultra, Apple CarPlay का अगला वर्जन है जो पारंपरिक इंफोटेनमेंट सिस्टम से कहीं अधिक उन्नत है। इसमें यूजर को कार का पूरा डिजिटल अनुभव एक iPhone-जैसे इंटरफेस पर मिलता है। इसके जरिए यूजर-

  • स्पीडोमीटर, फ्यूल गेज, एयर कंडीशनिंग तक कंट्रोल कर सकता है
  • स्मार्टफोन की तरह नेविगेशन, कॉल, नोटिफिकेशन और लाइव एक्टिविटीज़ एक्सेस कर सकता है
  • एकीकृत और पूरी तरह से Apple-डिज़ाइन अनुभव ले सकता है

क्यों डरीं ऑटो कंपनियां?

मर्सिडीज, ऑडी, वोल्वो, पोलेस्टर और रेनो जैसी कंपनियों ने CarPlay Ultra को अपनाने से इनकार कर दिया है। उनके मुताबिक-

  • यह तकनीक उनकी कारों के सॉफ़्टवेयर सिस्टम में Apple को अधिक दखल देती है
  • कंपनियां अपनी ब्रांड आइडेंटिटी को Apple के इंटरफेस से ढंकता नहीं देखना चाहतीं
  • डेटा एक्सेस और प्राइवेसी को लेकर भी चिंताएं हैं
  • यूजर इंटरफेस पूरी तरह Apple का हो जाने से कंपनी की मौलिक पहचान खतरे में पड़ सकती है

रेनो के एक अधिकारी ने साफ शब्दों में कहा, “हम नहीं चाहते कि Apple हमारी कारों के सिस्टम में घुसे।”

कौन-कौन सी कंपनियां साथ हैं?

हालांकि कुछ कंपनियां CarPlay Ultra को अपनाने को तैयार हैं। इनमें शामिल हैं-

  • हुंडई
  • किया
  • जेनेसिस
  • पोर्शे
  • होंडा
  • अकुरा

इनमें से कई ब्रांड्स Apple के साथ मिलकर काम कर रहे हैं ताकि यूजर को बेहतर डिजिटल अनुभव दिया जा सके। वहीं, जगुआर लैंड रोवर अभी इस पर विचार कर रही है।

Apple की शर्तें क्या हैं?

CarPlay Ultra इस्तेमाल करने के लिए Apple ने कुछ तकनीकी शर्तें तय की हैं-

  • iPhone 12 या उसके बाद का मॉडल जरूरी
  • iOS 18.5 या लेटेस्ट वर्जन होना चाहिए
  • वायरलेस कनेक्शन से ऑटोमैटिक स्टार्ट की सुविधा
  • अभी चुनिंदा कारों में ही उपलब्ध (जैसे Aston Martin DBX)

iOS 26 अपडेट में क्या नया मिलेगा?

Apple का नया ऑपरेटिंग सिस्टम iOS 26, CarPlay Ultra को सपोर्ट करता है और इसके साथ मिलते हैं कुछ खास फीचर्स-

  • नया, कस्टमाइजेबल यूजर इंटरफेस
  • कॉम्पैक्ट कॉल नोटिफिकेशन
  • Tapback इमोजी सपोर्ट
  • कार स्क्रीन पर लाइव एक्टिविटी और मैप अपडेट्स
  • कार के फिजिकल बटनों को Apple सॉफ्टवेयर से नियंत्रित करने की क्षमता

क्यों हो रहा है टकराव?

आज की कारें सिर्फ वाहन नहीं, बल्कि मोबाइल कंप्यूटर बन चुकी हैं। डिजिटल डैशबोर्ड, एआई असिस्टेंट और क्लाउड डेटा इनका अहम हिस्सा बन चुके हैं। ऐसे में

  • टेक कंपनियां (जैसे Apple) इस डिजिटल एक्सपीरियंस पर नियंत्रण चाहती हैं
  • वहीं, ऑटो कंपनियां अपना कंट्रोल छोड़ना नहीं चाहतीं
  • दोनों के बीच एक तरह का ‘डिजिटल युद्ध’ शुरू हो गया है
  • यह टकराव भविष्य की स्मार्ट कारों की दिशा तय कर सकता है

क्या इसका असर ग्राहक पर पड़ेगा?

बिलकुल। CarPlay Ultra जैसी टेक्नोलॉजी ग्राहक को एकीकृत और स्मार्ट अनुभव देती है, लेकिन इसके साथ आने वाली कंपनियों की सीमाएं भी हैं। यदि कोई ब्रांड इसे अपनाता है तो यूजर को iPhone से जुड़े फीचर्स का फायदा मिलेगा, लेकिन डेटा और प्राइवेसी पर बहस भी जारी रहेगी।

Deepak Vishwakarma

दीपक विश्वकर्मा एक अनुभवी समाचार संपादक और लेखक हैं, जिनके पास 13 वर्षों का गहरा अनुभव है। उन्होंने पत्रकारिता के विभिन्न पहलुओं में कार्य किया है, जिसमें समाचार लेखन, संपादन… More »

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