Astrology Tips: विवाह में आ रही अड़चन तो करें गुरुवार को करें इनकी पूजा
Astrology Tips: भगवान विष्णु की पूजा में केले का भोग अवश्य लगाना चाहिये। यह एक ऐसा फल होता है जिसमें कभी कीड़े नहीं पड़ते। वहीं जिनका विवाह न होता हो वो गुरुवार के दिन केले की पूजा करें, आने वाली अड़चने खत्म हो जाएंगी।

Astrology Tips: उज्जवल प्रदेश डेस्क. भगवान विष्णु की पूजा में केले का भोग अवश्य लगाना चाहिये। यह एक ऐसा फल होता है जिसमें कभी कीड़े नहीं पड़ते। वहीं जिनका विवाह न होता हो वो गुरुवार के दिन केले की पूजा करें, आने वाली अड़चने खत्म हो जाएंगी। बता दें कि हिंदू धर्म में केले के पेड़ को बहुत ही पवित्र बताया गया है। केले का पेड़ भगवान विष्णु को समर्पित है। ऐसा कहा जाता है कि केले के पेड़ में ही विष्णु जी का वास है। केले के पेड़ की पूजा से जीवन में सुख शांति आने की मान्यता है।
शादी में आने वाली रुकावटें भी दूर हो जाती हैं
ज्योतिष की मानें तो गुरुवार के दिन केले के पेड़ की पूजा करने से आदमी की कुंडली में उसका वृहस्पति ग्रह मजबूत होता है। इसी स्थतित में आदमी की शादी के योग बनने लगते हैं। इसके साथ ही उसकी शादी में आने वाली हर प्रकार की रुकावटें भी दूर हो जाती हैं। इसीलिए कुंवारे लोगों को केले के पेड़ की पूजा करने की बात ज्योतिषों ने की है। वहीं इसके साथ ही केले के पेड़ की पूजा से घर में खुशियां आती हैं।
भगवान विष्णु होते हैं काफी प्रसन्न
ज्योतिष की मानें तो केले के पेड़ की पूजा करते समय कुछ बातों का विशेष ध्यान रखें कि हल्दी की गांठ, चने की दाल और गुड़ केले के पेड़ को समर्पित जरूर करनी चाहिये। इससे विष्णु बहुत प्रसन्न होते हैं। इसके साथ ही आपको अक्षत और पुष्प जैसी मंगल चीजों को भी चढ़ाना जरूरी है। वहीं घर के आंगन में केला लगा हो तो केले के पेड़ की पूजा ना करें।
भगवान विष्णु को केवड़ा और गुलाब सबसे ज्यादा प्रिय
ज्योतिष की मानें तो भगवान विष्णु (Lord Vishnu) की पूजा में पारिजात, मालती, केवड़ा,गुलाब, मोगरा, चंपा, कमल, कनेर और गेंदा के फूलों का प्रयोग करना चाहिए। इससे भगवान श्रीहरि प्रसन्न होते हैं। इनके साथ ही जती, पुन्नाग, कुंद, तगर और अशोक वृक्ष के फूल भी भगवान के पसंदीदा फूलों में आते हैं। इस फूल से पूजा करने से भगवान विष्णु के साथ-साथ लक्ष्मी भी प्रसन्न होती हैं।
चिरचिटा का भी उपयोग किया जाता है
भगवान विष्णु के प्रिय पत्ते तुलसी, शमीपत्र, बिल्बपत्र और दुर्बा यानी दूब हैं। इनके साथ ही विष्णुजी की पूजा में भृंगराज, खेर, कुश, दमनक के पत्ते यानी दावन और अपामार्ग यानी चिरचिटा का भी उपयोग किया जाता है। भगवान विष्णु की पूजा में फूलों के साथ-साथ पत्ते भी चढ़ाए जाते हैं। इससे धन और सुख में वृद्धि होती है।
अगस्त्य के फूल, माधवी और लोढ़ा का प्रयोग न करें
इस बात का विशेष ध्यान दें कि भगवान विष्णु की पूजा में अगस्त्य के फूल, माधवी और लोढ़ा के फूल का उपयोग न करें। इन फूलों को भगवान विष्णु को यह पसंद नहीं है. इसके साथ ही विष्णु की मूर्ति पर अक्षत यानी चावल भी नहीं चढ़ाए जाते.
चुराए हुए फूलों का पूजा में उपयोग न करें
विष्णु भगवान की पूजा में मनमानी न हो इस बात का विशेष ध्यान दें। जातक पूजा के दौरान बासी और कीड़े-मकोड़े खाए हुए फूल-पत्तियों का प्रयोग न करे व जमीन पर पड़े, दूसरों से मांगे या चुराए हुए फूलों का भी पूजा में उपयोग नहीं करना चाहिए। इसके अलावा कमल और वॉटर लिली के फूल पांच दिनों तक बासी नहीं होते हैं। इसके साथ बिल्वपत्र, सुपारी और तुलसी के पुराने टूटे हुए पत्ते भी चढ़ाए जा सकते हैं।
नोट: हम इन सभी बातों की पुष्टि नहीं करते। अमल करने से पहले संबंधित विषय विशेषज्ञ से संपर्क करें।