Digvijay Singh का बड़ा फैसला- कांग्रेस मंचों से बनाई दूरी, फेसबुक पोस्ट में बताई असली वजह
Digvijay Singh: पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कांग्रेस मंचों से दूरी बनाने का निर्णय लिया है। हाल ही में 31 मई को जबलपुर में आयोजित "जयहिंद सभा" के दौरान जब वे मंच पर नहीं बैठे तो यह चर्चा का विषय बन गया। अब उन्होंने इस फैसले की वजहें सोशल मीडिया पर साझा करते हुए स्पष्ट किया है।

Digvijay Singh: उज्जवल प्रदेश डेस्क,भोपाल. मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कांग्रेस मंचों से दूरी बनाने का निर्णय लिया है। हाल ही में 31 मई को जबलपुर में आयोजित “जयहिंद सभा” के दौरान जब वे मंच पर नहीं बैठे तो यह चर्चा का विषय बन गया। अब उन्होंने इस फैसले की वजहें सोशल मीडिया पर साझा करते हुए स्पष्ट किया है कि यह निर्णय केवल व्यक्तिगत नहीं, बल्कि संगठनात्मक सोच और कांग्रेस की मूल विचारधारा से जुड़ा है।
Digvijay Singh ने फेसबुक पोस्ट के जरिए अपने इस रुख के पीछे सात कारण गिनाए, जिनमें संगठन में सादगी, अनुशासन और समता को प्राथमिकता देने की बात कही गई। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को केवल मंचों तक सीमित नहीं रहना चाहिए, बल्कि कार्यकर्ताओं के बीच सक्रिय रूप से जुड़ना चाहिए। यही लोकतांत्रिक मूल्यों और जमीनी संगठनात्मक मजबूती का संकेत है।
फेसबुक पोस्ट में साझा किए मंच से दूरी के कारण
जबलपुर की सभा में दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) मंच पर मौजूद नेताओं के आग्रह के बावजूद नीचे ही बैठे रहे। विधायक लखन घनघोरिया ने उन्हें कई बार मंच पर बैठने का अनुरोध किया, लेकिन उन्होंने विनम्रता से मना कर दिया। बाद में उन्होंने फेसबुक पर इस व्यवहार की व्याख्या करते हुए लिखा कि कांग्रेस के मंचों पर अक्सर भीड़भाड़ होती है, जिससे असली कार्यकर्ताओं को मंच नहीं मिल पाता। कई बार मंच पर समर्थक या अनुशासनहीन लोग जगह घेर लेते हैं, जिससे अव्यवस्था फैलती है।
उन्होंने आगे लिखा कि उनका निर्णय व्यक्तिगत विनम्रता नहीं, बल्कि एक संगठनात्मक उदाहरण है, जिससे पार्टी को नई दिशा मिलेगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की विचारधारा “समता, सेवा और अनुशासन” पर आधारित है और मंच से दूरी उसी का हिस्सा है। इस सोच के साथ वह चाहते हैं कि नेता कार्यकर्ताओं के बीच जाकर संवाद करें, जिससे संगठन के प्रति विश्वास और ऊर्जा बढ़े।
Digvijay Singh: महात्मा गांधी और सोनिया गांधी से प्रेरणा
Digvijay Singh ने यह भी कहा कि उनका यह कदम कोई नया नहीं है। उन्होंने महात्मा गांधी, सोनिया गांधी और राहुल गांधी का उदाहरण देते हुए कहा कि इन सभी वरिष्ठ नेताओं ने भी कई बार मंच से दूर रहकर कार्यकर्ताओं के साथ जमीन पर जुड़ाव को प्राथमिकता दी है। उन्होंने अपने पोस्ट में ऐसे कार्यक्रमों की तस्वीरें भी साझा कीं, जहां इन नेताओं ने सादगी का परिचय दिया।
कार्यकर्ताओं को मिलेगा सीधा संदेश
इस निर्णय का मुख्य उद्देश्य कार्यकर्ताओं के बीच समानता का भाव और नेतृत्व के प्रति विश्वास बढ़ाना है। Digvijay Singh ने कहा कि मंच टूटने जैसी घटनाएं और मंच पर नेता समर्थकों का कब्जा संगठन को नुकसान पहुंचाते हैं। इसलिए, अब समय आ गया है कि नेताओं को मंच की बजाय जनता और कार्यकर्ताओं के बीच बैठकर पार्टी को मजबूत करना चाहिए।
दिग्विजय सिंह: पहले भी मंच से दूर रह चुके हैं दिग्विजय सिंह
यह पहली बार नहीं है जब दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) ने मंच से दूरी बनाई हो। इससे पहले भोपाल में राहुल गांधी की सभा और कांग्रेस की एक और रैली में भी वे शामिल हुए थे। वे मंच से अलग बैठे थे। अब यह स्पष्ट हो गया है कि यह उनकी नई कार्यशैली का हिस्सा है, जो संगठनात्मक बदलाव की ओर इशारा करता है।