MP News : अब ऑनलाइन बनेंगे रेल खनिज परिवहन परमिट
Latest MP News : प्रदेश में अब रेलवे के माध्यम से होने वाले खनिज परिवहन के लिए सप्लायर को माइनिंग अफसर के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। खनिज साधन विभाग ने ऐसे मामलों में ऑनलाइन परमिट सिस्टम लागू कर दिया है।
Latest MP News : उज्जवल प्रदेश, भोपाल. प्रदेश में अब रेलवे के माध्यम से होने वाले खनिज परिवहन के लिए सप्लायर को माइनिंग अफसर के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। खनिज साधन विभाग ने ऐसे मामलों में ऑनलाइन परमिट सिस्टम लागू कर दिया है। अब सप्लायर ऑनलाइन आवेदन करेंगे और रेलवे ट्रांसपोर्ट परमिट और ईटेड उन्हें सीधे ऑनलाइन सिस्टम से जारी हो जाएंगे।
खनिज अधिकारी को उनके मोबाइल नम्बर और ईमेल आईडी पर अलर्ट के माध्यम से यह जानकारी मिल जाएगी। खनिज साधन विभाग द्वारा लागू की गई इस नई व्यवस्था पर अमल के लिए सभी कलेक्टरों को पत्र भी लिखे गए हैं। इसमें कहा गया है कि रेलवे रैक के माध्यम से परिवहन किए जाने वाले खनिज के लिए अब आरटीपी (रेलवे ट्रांसपोर्ट परमिट) जारी की जाएगी। पूर्व में इस व्यवस्था में मैन्युअल आवेदन किए जाते थे और खनिज अधिकारी इसकी अनुमति देते थे।
इस प्रक्रिया में काफी समय लगता था। इसलिए अब ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के अंतर्गत आरटीपी जारी करने की व्यवस्था को ऑनलाइन किया गया है। इसमें सभी जिलों में रेलवे साइडिंग को खनिज विभाग के पोर्टल पर ऑनलाइन कर दिया गया है। रेलवे रैक के माध्यम से परिवहन करने वाले सप्लायर को ई खनिज पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करना होगा। इसके बाद रजिस्टर्ड मोबाइल नम्बर और ई मेल आईडी पर पोर्टल के लिए लॉगिन आईडी और पासवर्ड भेजा जाएगा।
सप्लायर द्वारा ई खनिज पोर्टल पर लॉगिन कर ईटेंड और आरटीपी पाने के लिए आवेदन सबमिट करने के बाद उसे जो फार्मेट मिलेगा, उसे रेलवे विभाग को भेजना होगा। इसकी जांच रेलवे के अधिकारियों द्वारा पोर्टल के माध्यम से की जा सकेगी। आरटीपी जारी होते ही जिले के खनिज अधकारी को एसएमएस के माध्यम से पोर्टल द्वारा अलर्ट भेजा जाएगा। पोर्टल पर संचालक और जिला प्रशासन के लिए एमआईएस जनरेट की जाएगी।
ऐसे होगा ऑनलाइन काम
रेलवे रैक के माध्यम से परिवहन करने वाले सप्लायर को ई खनिज पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करना होगा। इसके बाद रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर और ई मेल आईडी पर पोर्टल के लिए लॉगिन आईडी और पासवर्ड भेजा जाएगा। सप्लायर द्वारा पोर्टल पर लॉगिन कर ईटेंड और आरटीपी पाने के लिए आवेदन सबमिट करने के बाद उसे जो फार्मेट मिलेगा, उसे रेलवे विभाग को भेजना होगा।
इसकी जांच रेलवे के अधिकारियों द्वारा पोर्टल के माध्यम से की जा सकेगी। आरटीपी जारी होते ही जिले के खनिज अधकारी को एसएमएस के माध्यम से पोर्टल द्वारा अलर्ट भेजा जाएगा। पोर्टल पर संचालक और जिला प्रशासन के लिए एमआईएस जनरेट की जाएगी।