Pandit Pradeep Mishra बोले – अच्छे कर्म का फल हमेशा मिलता है, जो तुम दूसरों को दोगे, वही लौटकर तुम्हारे पास आएगा

Pandit Pradeep Mishra : प्रख्यात कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा (Pandit Pradeep Mishra) ने कहा कि मंदिर जाने से पहले विश्वास लेकर जाना, जैसे दुकान और मकान पर लिखा रहता है कि आप कैमरे की नजर में हैं, वैसे ही आप पैदा होने से अब तक भगवान की नजर में रहते हैं।

Pandit Pradeep Mishra : उज्जवल प्रदेश, सीहोर. प्रख्यात कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा (Pandit Pradeep Mishra) ने कुबेरेश्वरधाम पर जारी ऑनलाइन सात दिवसीय शिवपुत्री शिवमहापुराण के दूसरे दिन कहा कि हमारे द्वारा किए गए अच्छे कर्म का फल हमेशा मिलता है, जो तुम दूसरों को दोगे, वही लौटकर तुम्हारे पास आएगा। सम्मान दोगे, तो सम्मान मिलेगा। वहीं दुनिया का सबसे पवित्र रिश्ता है बाप-बेटी का। एक महत्वपूर्ण विचार है जो पिता और बेटी के बीच के विशेष बंधन को दर्शाता है। यह रिश्ता प्रेम, देखभाल, विश्वास और सम्मान से भरा होता है, जो दोनों के जीवन में सकारात्मक योगदान देता है।

इस मौके पर उन्होंने कहा कि ऑनलाइन शिवपुत्री शिव महापुराण कथा भगवान शिव की बेटियों के संबंध में की जा रही है। विश्व भर के श्रद्धालुओं को बाप-बेटी के पवित्र संबंध के बारे में वर्णन किया जा रहा है। शनिवार को धाम पर आशीर्वाद लेने पहुंचीं महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री भारत सरकार सांसद सावित्री ठाकुर ने व्यास पीठ को नमन किया।

सबसे बड़ी पूंजी शिव महापुराण

प्रख्यात कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा (Pandit Pradeep Mishra) ने कहा कि मंदिर जाने से पहले विश्वास लेकर जाना, जैसे दुकान और मकान पर लिखा रहता है कि आप कैमरे की नजर में हैं, वैसे ही आप पैदा होने से अब तक भगवान की नजर में रहते हैं। शिव महापुराण के बारे में विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि भगवान शिव की कथा शिव महापुराण सबसे बड़ी पूंजी है, एक पल्ले में सोना-चांदी और आभूषण रख दो और दूसरी तरफ इस पुराण को रख दो। हमेशा शिव पुराण का पल्ला भारी रहेगा।

भगवान शिव किसी विशेष पूजा या जाप के मोहताज नहीं हैं। वे भाव के भूखे होते हैं और जैसी भावना से उन्हें पुकारा जाए, वो वैसा ही स्वीकार करते हैं। पति अगर नारायण बनकर रहेगा तो पत्नी लक्ष्मी बनकर साथ निभाएगी। गुस्सा बाहर छोड़ो, घर में प्रेम से रहो। शिवजी ने अपने सिर पर गंगा को धारण किया ताकि मन शांत रहे। आज की भागदौड़ में शिव से यही सीख लेनी चाहिए। हमारी आदत है कि दुख आने पर ही भगवान को याद करते हैं। जैसे कोरोना आया तो वैक्सीन लगवाई, वैसे ही दुखों से पहले शिव का नाम लेना शुरू कर दो। तब तकलीफ आएगी ही नहीं।

जब डॉक्टर ने छोड़ी आस, धाम से मिला निदान

शिव महापुराण के दौरान पंडित प्रदीप मिश्रा ने अनेक श्रद्धालुओं के पत्र का भी वर्णन किया। इनमें से कई लोग पत्र लिख कर उन्हें धन्यवाद भी देते है। ऐसे ही एक भक्त का लिखा हुआ पत्र का वर्णन करते हुए पंडित जी ने बताया कि चुमचुम कुमारी जिनका बेटा एक लाइलाज गंभीर बीमारी से ग्रस्त था, इस बीमारी का नाम है जीवीएस, जिसमें शरीर सुन्न हो जाता है, लेकिन धाम पर आने के बाद मेरे बेटे की तबीयत ठीक हो गई है। वह अब तक चार बार बाबा के धाम आकर आशीर्वाद और पूजा-अर्चना कर रही है।

वहीं एक पत्र में मध्यप्रदेश निवासी रिंकू तिलवारे ने बताया कि उनके भाई को कैंसर जैसी गंभीर बीमारी थी, धाम पर आई और वेलपत्र और रुद्राक्ष के जल से अब उनकी रिपोर्ट नार्मल आई है। इस तरह के अनेक श्रद्धालुओं ने बताया कि बाबा की भक्ति करने से उनकी समस्याओं का निदान हो रहा है। पंडित मिश्रा ने कहा कि भगवान भरोसे का रूप है। हमारा भरोसा जितना मजबूत होगा, शिव को प्राप्त करने में आसानी होगी।

पंडित प्रदीप मिश्रा के इस सूत्र की गहराई

कर्म का नियम

  • “यथ कर्म, तथ फल” (जैसा करोगे, वैसा भरोगे) – अच्छे कर्मों से सुख और बुरे कर्मों से दुख मिलता है।
  • गीता (अध्याय 4, श्लोक 17) में श्रीकृष्ण कहते हैं: “कर्मण्येवाधिकारस्ते…” (कर्म पर ही तुम्हारा अधिकार है, फल पर नहीं)।

दान और प्रतिफल

  • “दान” सिर्फ धन तक सीमित नहीं, बल्कि समय, ज्ञान, सहानुभूति देना भी है।
  • शास्त्रों में कहा गया: “दानात् भयम् प्रभवति” (दान से भय दूर होता है)।

विज्ञान और आध्यात्म का संगम

  • न्यूटन का तीसरा नियम: “हर क्रिया की बराबर प्रतिक्रिया होती है।”
  • ऊर्जा का संरक्षण: आप जो देते हैं, वह ब्रह्मांड में संचित होकर वापस आता है।

जीवन में कैसे उतारें?

  • सेवाभाव: बिना स्वार्थ के दूसरों की मदद करें।
  • सकारात्मकता: अच्छे विचारों और शुभकामनाओं का प्रसार करें।
  • धैर्य: फल की इच्छा न रखें, समय आने पर सब मिलेगा।

Deepak Vishwakarma

दीपक विश्वकर्मा एक अनुभवी समाचार संपादक और लेखक हैं, जिनके पास 13 वर्षों का गहरा अनुभव है। उन्होंने पत्रकारिता के विभिन्न पहलुओं में कार्य किया है, जिसमें समाचार लेखन, संपादन… More »

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