Big Breaking: भोपाल में अवैध हॉस्टल से लापता 26 बच्चियां मिलीं, SP ने दी जानकारी
Big Breaking News: भोपाल के परवलिया थाना क्षेत्र में गैरकानूनी रूप से चल रहे बालगृह में 26 बच्चियां मिल गई। इन्हें भोपाल और आसपास के क्षेत्र से बरामद किया गया है।
Big Breaking News: उज्जवल प्रदेश, भोपाल. भोपाल (Bhopal) के बालिका गृह से कई बच्चियों के गायब होने का मामला सामने आने के बाद से हड़कंप मचा हुआ है। जिसके बाद पुलिस ने मामला दर्ज होने के बाद जांच शुरू कर दी। ऐसे में बालगृह से लापता 26 बच्चियां मिल गई है, भोपाल और आसपास के क्षेत्र से इन्हें बरामद किया है।
लापता बच्चियों को आसपास के इलाकों से बरामद किया – Big Breaking
मिली जानकारी के मुताबिक, सभी 26 बच्चियों को आसपास के इलाकों से बरामद किया गया है। भोपाल के आदमपुर छावनी हरिपुरा में 10, अयोध्या बस्ती- 13 और नगर क्रेशर एरिया 2, रायसेन से 1 बच्ची बरामद की गई है। वही कलेक्टर और एसपी ने हॉस्टल का दौरा किया। (Big Breaking)
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पूर्व CDPO सस्पेंड
इस मामले में कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने पुष्टि कि, पूर्व CDPO विजेंद्र प्रताप सिंह को सस्पेंड कर दिया गया है। साथ ही बालगृह सुपरवाइजर कोमल उपाध्याय को भी सस्पेंड कर दिया है। साथ ही एसपी ने ये भी बताया कि बच्चियों के बयान दर्ज किए जा रहे हैं। जिसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
इन राज्यों की बालिकाएं मिली
बता दें बालगृह में गुजरात, झारखंड, राजस्थान के अलावा सीहोर, रायसेन, छिंदवाड़ा, बालाघाट और विदिशा की बालिकाएं मिली हैं।
जानिए कैसे सामने आया ये मामला – Big Breaking
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो ने परवलिया में संचालित आंचल बालिका छात्रावास का औचक निरीक्षण किया था। इस दौरान उन्होंने रिजस्टर चेक किया। रजिस्टर में कुल 68 बच्चियों की एंट्री की गई थी लेकिन जांच के दौरान 26 बच्चियां हॉस्टल से गायब हैं। जिसके बाद राष्ट्रीय बाल आयोग ने मुख्य सचिव को पत्र लिखा था।
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दरअसल राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने मध्यप्रदेश की मुख्य सचिव वीरा राणा को पत्र लिखकर उन्हें बच्चियों के गायब होने की जानकारी दी थी। उन्होंने बताया था कि राजधानी भोपाल के अवैध संचालित आंचल बालगृह के निरीक्षण के दौरान उन्हें अनियमितताएं मिली हैं। इस बालगृह में 68 बच्चियां दर्ज थीं, जिनमें से मौके पर 41 ही मिली हैं। बालगृह ना तो पंजीकृत है और न ही मान्यता प्राप्त।
उन्होंने पत्र में कहा था कि, सभी बच्चियां बाल कल्याण समिति के आदेश के बिना यहां रह रहीं थीं। ये सभी सड़कों पर रहने वाली बच्चियां थीं, जिन्हें बिना समिति को बताए हुए यहां ले आया गया था। कानूनगो ने मुख्य सचिव से इस संबंध में सात दिन के अंदर कार्रवाई करते हुए आयोग को इस बारे में जानकारी देने को कहा है।