स्कूल में भूत का साया ! डर से बच्चे नहीं जा रहे स्कूल, ग्रामीणों में अंधविश्वास

स्कूल की एक क्लास (Ghost school) पूरी तरह खाली पड़ी है, दूसरी क्लासों में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है। हमेशा बच्चों से भरा रहने वाले स्कूल में पिछले कुछ दिनों से इक्का दुक्का बच्चे ही आ रहे हैं।

Ghost school : उज्जवल प्रदेश, दतिया. मध्यप्रदेश के दतिया जिले में स्कूल के एक टीचर ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली थी। इस घटना के बाद से स्कूल के बच्चे भयभीत हैं। टीचर के भूत बनने के डर से बच्चे स्कूल नहीं जा रहे हैं। मामला भांडेर तहसील के ततारपुर पट्टी ग्राम के शासकीय माध्यमिक विद्यालय का है।

इस स्कूल की एक क्लास पूरी तरह खाली पड़ी है, दूसरी क्लासों में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है। हमेशा बच्चों से भरा रहने वाले स्कूल में पिछले कुछ दिनों से इक्का दुक्का बच्चे ही आ रहे हैं।

दरअसल 22 नवंबर को इस स्कूल में बीरेंद्र सिंह नामक टीचर ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली थी। इस घटना के बाद Ghost school के बच्चे भयभीत हैं। टीचर के भूत बनने के डर से बच्चे स्कूल नहीं आ रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि हमारे बच्चे काफी डरे हुए हैं। बच्चों के न आने से स्कूल में मध्यान्ह भोजन भी नहीं बन रहा है। भोजन बनाने वाली भी डरी हुई है ।

स्कूल के शिक्षकों का कहना है कि हम लोग ग्रामीणों को समझा रहे हैं कि बच्चों को स्कूल भेजना चाहिए, लेकिन वे भूत प्रेत के डर से बच्चों को स्कूल नहीं भेज रहे हैं। हालांकि अंदर से शिक्षक भी डरे हुए लग रहे हैं, क्योंकि जिस स्टाफ रूम में बीरेंद्र सिंह ने फांसी लगाई थी, वहां अब भी ताला लटका हुआ है, कोई भी टीचर उसमें बैठने का साहस नहीं कर रहा है।

ततारपुर पट्टी स्कूल के प्रभारी हेड मास्टर मंगल सिंह ने कहा कि हमारे समाज में खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में अंधविश्वास की जड़ें अभी भी गहरे तक जमी हुई हैं। अफसोस की बात ये है कि शिक्षा के मंदिर में जहां शिक्षा की अलख से अंधविश्वास खत्म हो जाता है, वहां भी अंधविश्वास खत्म नहीं हो पा रहा है।

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