Ujjain: महाकाल मंदिर के पास उज्जैन प्रशासन की बड़ी कार्रवाई, अवैध ढांचे ध्वस्त

Ujjain: उज्जैन विकास प्राधिकरण ने महाकालेश्वर मंदिर के पास चार अवैध निर्माण और बेगमबाग में सात संपत्तियों को ध्वस्त कर दिया, तथा 28 और संपत्तियों को ध्वस्त करने के लिए चिह्नित किया गया।

Ujjain: उज्जवल प्रदेश डेस्क. मध्य प्रदेश के उज्जैन शहर में बुधवार को महाकालेश्वर मंदिर के पास अवैध रूप से बनाए गए चार ढांचों को उज्जैन विकास प्राधिकरण (UDA) द्वारा ध्वस्त कर दिया गया। इसके साथ ही बेगमबाग क्षेत्र में कुल सात अवैध संपत्तियों को गिराया गया, जबकि 28 अन्य संपत्तियों को भविष्य में कार्रवाई के लिए चिन्हित किया गया है।

भारी पुलिस बल की मौजूदगी में चला बुलडोजर

इस कार्रवाई के दौरान (Ujjain) इलाके में 250 से अधिक पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई थी ताकि कानून-व्यवस्था बनी रहे और किसी भी प्रकार की बाधा न आए।

Ujjain के IPS अधिकारी राहुल देशमुख ने जानकारी देते हुए कहा,

“आज चार स्थानों पर उन मकानों को गिराने की कार्रवाई की जा रही है, जहां लीज की शर्तों का उल्लंघन (Ujjain) हुआ था। सुरक्षा के लिए 250 से अधिक पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं।”

इसके अतिरिक्त, उन्होंने बताया कि हरिफाटक और कोर्ट स्क्वायर जैसे व्यस्त क्षेत्रों में भी ट्रैफिक प्रबंधन सुनिश्चित करने के लिए पुलिस रिजर्व बल तैनात किया गया है।

UDA योजना के तहत हो रही कार्रवाई

Ujjain विकास प्राधिकरण (UDA) के सीईओ संदीप सोनी ने बताया कि हरिफाटक क्षेत्र उज्जैन की एक प्रमुख योजना का हिस्सा रहा है। उन्होंने कहा, “लीज की शर्तों का उल्लंघन और लीज अवधि समाप्त हो जाने के चलते UDA के मॉडल बोर्ड ने 10 अक्टूबर 2023 को सभी लीज रद्द कर दी थीं। उसी निर्णय के क्रम में आज चार प्लॉटों पर कार्रवाई की जा रही है, जहां नियमों के खिलाफ सात संरचनाएं बनाई गई थीं।”

देखे वीडियो:

Ujjain: व्यावसायिक उपयोग के लिए बदले गए आवासीय भवन

सीईओ संदीप सोनी ने बताया कि कई मामलों में एक मंजिला आवासीय भवनों को अवैध रूप से व्यावसायिक उपयोग (Ujjain) के लिए बहु-मंजिला इकाइयों में बदल दिया गया था।

यह परिवर्तन स्पष्ट रूप से लीज की शर्तों का उल्लंघन था और इसी कारण संबंधित संपत्तियों के खिलाफ विधिसम्मत कार्रवाई की जा रही है।

आगे और भी कई संपत्तियों पर कार्रवाई तय

UDA द्वारा जारी की गई जानकारी के अनुसार, 28 और संपत्तियां चिन्हित की गई हैं जिन पर आगे चलकर अतिक्रमण (Ujjain) हटाने की कार्रवाई की जाएगी।

महाकालेश्वर मंदिर के आस-पास के क्षेत्र को धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से संवेदनशील माना जाता है। ऐसे में अवैध निर्माण को हटाकर क्षेत्र को स्वच्छ और सुरक्षित बनाना प्रशासन की प्राथमिकता है।

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