Loan Guarantor बनने से पहले जान लें यह बात, नहीं तो होगा भारी नुकसान
Loan Guarantor : यदि आप किसी परिचित के लोन गारंटर बनने जा रहे है तो पहले समझ ले अपनी जिम्मेदारियां फिर जाकर बनें लोन गारंटर नहीं तो आपको भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है।

Loan Guarantor : उज्जवल प्रदेश डेस्क. आज के समय में यदि कोई भी व्यक्ति लोन लेने जाता है तो बैंक सबसे पहले उस व्यक्ति से पूछता है कि आपके पास कोई गारंटर है क्या। बता दें कि आज के समय में यदि आपका सिबिल स्कोर अच्छा है और आपकी आमदनी भी बढ़िया है तो बैंक आपको आसानी से लोन देते हैं। व्यक्ति को कुछ स्थितियों में लोन लेते समय गारंटर की जरूरत पड़ती है। आमतौर पर लोग अपने किसी रिश्तेदार, दोस्त या करीबी से गारंटर बनने के लिए कहते हैं। संबन्धों के चलते दूसरा भी न नहीं कह पाता और गारंटर बनकर कागजों में साइन कर देता है।
सबसे बड़ी बात यह है कि सिर्फ साइन कर देने से ही आपकी जिम्मेदारी खत्म नहीं होगी। लोन गारंटर बनने का मतलब है कि आपने उधारकर्ता की गारंटी ली है कि वो बैंक का पूरा कर्ज चुकाएगा। ऐसे में अगर लोन लेने वाला व्यक्ति डिफॉल्ट कर दे, तो उसका खामियाजा गारंटर को भी भुगतना पड़ सकता है। यहां जानिए अगर लोन लेने वाला पैसे नहीं चुका पाया, तो गारंटर को क्या नुकसान होगा।
बैंक कब गारंटर मांगता है?
बैंक या अन्य वित्तीय संस्थान गारंटर (Guarantor) तब मांगते हैं, जब उन्हें लगता है कि लोन लेने वाले (मुख्य उधारकर्ता) की चुकौती क्षमता (Repayment Capacity) पर संदेह हो या फिर जोखिम (Risk) अधिक लगे। गारंटर की आवश्यकता कई कारकों पर निर्भर करती है। आइए विस्तार से समझें:
A. उधारकर्ता की वित्तीय स्थिति कमजोर हो
- कम या अनियमित आय (जैसे: नया नौकरीपेशा, फ्रीलांसर)।
- क्रेडिट स्कोर खराब हो (CIBIL स्कोर < 650)।
- पहले से अन्य लोन चल रहे हों (High Debt-to-Income Ratio)।
B. लोन का प्रकार और रकम
- बिना सिक्योरिटी के लोन (जैसे: पर्सनल लोन, एजुकेशन लोन)।
- बड़ी रकम (जैसे: होम लोन, बिज़नेस लोन में 50 लाख+)।
- स्टार्टअप या नए बिज़नेस को लोन देना।
C. सिक्योरिटी (गिरवी) न हो
अगर उधारकर्ता प्रॉपर्टी, FD, या अन्य संपत्ति गिरवी नहीं रख सकता, तो बैंक गारंटर मांगता है।
D. संस्थागत नियम
कुछ बैंक विशेष योजनाओं (जैसे: ग्रामीण लोन, EWS लोन) में गारंटर अनिवार्य करते हैं।
गारंटर की क्या भूमिका होती है?
- अगर मुख्य उधारकर्ता लोन नहीं चुका पाता, तो गारंटर को कानूनी तौर पर भुगतान करना पड़ता है।
- गारंटर की खुद की क्रेडिट हिस्ट्री और आय भी चेक की जाती है।
गारंटर के लिए बैंक की क्या शर्तें होती हैं?
- अच्छा क्रेडिट स्कोर (आमतौर पर 700+ CIBIL)।
- स्थिर आय (सैलरी या बिज़नेस प्रूफ)।
- उम्र 21–65 वर्ष के बीच।
- निवास प्रमाण और आईडी प्रूफ।
गारंटर की जगह क्या विकल्प हैं?
- अगर आप गारंटर नहीं ढूंढ पा रहे, तो बैंक को निम्न विकल्प दिखा सकते हैं:
- अतिरिक्त सिक्योरिटी (जैसे: गोल्ड, प्रॉपर्टी, FD)।
- हायर डाउन पेमेंट (लोन अमाउंट कम करके)।
- संयुक्त लोन (Joint Borrower) लेना।
ध्यान रखने योग्य बातें
- गारंटर बनने से पहले लोन की शर्तें पढ़ें – कहीं आप पर बिना सूचना के जिम्मेदारी न थोप दी जाए।
- अनावश्यक गारंटी न दें – इससे आपकी खुद की लोन लेने की क्षमता प्रभावित हो सकती है।
सिबिल स्कोर पर पड़ता है बुरा असर
गारंटर बनने का एक और नुकसान यह है कि अगर लोन लेने वाला पैसा नहीं चुकाता, तो वो लोन आपके क्रेडिट रिपोर्ट में भी दिखेगा। इससे आपका सिबिल स्कोर खराब होता है। सिबिल स्कोर खराब होने से, अगर आप कभी खुद लोन लेना चाहेंगे तो मुश्किल होगी। और हो सकता है कि आप जल्दी किसी और के गारंटर भी न बन पाएं।
क्या गारंटर अपनी जिम्मेदारी से पीछे हट सकता है?
अगर आप सोचते हैं कि गारंटर बनने के बाद आप आसानी से पीछे हट सकते हैं, तो ऐसा नहीं है। पीछे हटने के बहुत कम रास्ते होते हैं। आप तभी हट सकते हैं, जब बैंक मान जाए। बैंक तब मानेगा जब लोन लेने वाला लोन चुकाने का कोई और पक्का इंतजाम कर दे।