MP Election 2023: भाजपा खेल रही युवाओं पर दांव, 151 सीटों पर बाकी है उम्मीदवारों की घोषणा

MP Assembly Election 2023: प्रदेश में सत्तारुढ़ दल भाजपा अपनी बची हुई 151 सीटों पर 40 से ज्यादा युवा और नए चेहरों को चुनाव मैदान में उतारने की तैयारी में हैं। इससे पहले तीन सूचियों में भाजपा 79 उम्मीदवारों की घोषणा कर चुकी है, इसमें 14 चेहरे नए हैं जो पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं।

MP Assembly Election 2023: उज्जवल प्रदेश, भोपाल. प्रदेश में सत्तारुढ़ दल भाजपा अपनी बची हुई 151 सीटों पर 40 से ज्यादा युवा और नए चेहरों को चुनाव मैदान में उतारने की तैयारी में हैं। इससे पहले तीन सूचियों में भाजपा 79 उम्मीदवारों की घोषणा कर चुकी है, इसमें 14 चेहरे नए हैं जो पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं। इन तीनों सूचियों में भाजपा ने अपने तीन वर्तमान विधायकों के टिकट काटे हैं, जबकि 76 सीट वो है जहां पर 2018 में भाजपा को हार का मुंह देखना पड़ा था। इस तरह से देखा जाए तो भाजपा ने 2023 के विधानसभा चुनाव में 60 के लगभग नए चेहरों को मौका देने की रणनीति तैयार की है।

भाजपा की चौथी सूची को लेकर पार्टी के रणनीतिकारों की पिछले दिनों एक अहम बैठक हुई जिसमें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा, चुनावी प्रबंध समिति के अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर, चुनाव प्रभारी भूपेंद्र यादव, सह प्रभारी अश्विनी वैष्णव और भाजपा के राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिवप्रकाश और हितानंद शर्मा शामिल हुए।

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बैठक में बची हुई 151 सीटों पर उम्मीदवारों को लेकर चर्चा हुई और जिन 79 सीटों के टिकट घोषित हो चुके हैं उनकी समीक्षा की गई। इस बैठक के बाद यह बात साफ हो गई कि पार्टी को चुनाव में बहुमत हासिल करने के लिए और सर्वे को ध्यान में रखते हुए ऐसे लोगों को मौका देना होगा जो एकदम नए हों और जिनकी पकड़ वरिष्ठों के साथ-साथ नवमतदाताओं में भी हो। गौरतलब है कि 1 अक्टूबर को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह भोपाल आ रहे हैं। बैठक में मिले फीडबैक से शाह को भी अवगत कराया जाएगा।

पांच बार के विधायकों पर लटक सकती है तलवार

भारतीय जनता पार्टी कुछ चौंकाने वाले फैसले भी कर सकती है, जिसके तहत पांच बार के ऐसे विधायक जो वर्तमान में मंत्री भी हैं, उनके टिकट भी काट सकती है। भाजपा में पांच बार से ज्यादा लगातार जीतने वाले नेताओं की संख्या ज्यादा है और सर्वे के साथ ही पार्टी नेताओं को ऐसा लगता है कि अब उन सीटों पर नए चेहरों की जरूरत है। इसलिए पार्टी उन नेताओं के टिकट भी काट सकती है।

सीधी से केदारनाथ शुक्ला का टिकट कटना इसी संदर्भ में माना जा रहा है। सूत्रों की मानें तो भाजपा इस चुनाव में कई ऐसे विधायकों का जो एक क्षेत्र से लगातार चुनाव जीत रहे हैं, उनकी विधानसभा भी बदल सकती है। साथ ही समाज के कुछ ऐसे प्रबुद्ध वर्ग के लोगों को मौका देने की प्लानिंग है जिनकी सामाजिक पकड़ और छवि लोगों के बीच सकारात्मक है।

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