Jamat-ul-Vida 2022 में कब है? जमात-उल-विदा क्या है?

मुस्लिम समुदाय का एक प्रमुख पर्व है Jamat-ul-Vida 2022 । जमात उल विदा (Jamat-ul-Vida) एक अरबी शब्द है, jamat ul vida meaning in hindi | jamat ul-vida meaning जिसका मतलब है कि जुमे की विदाई। यह त्योहार रमजान के आखरी शुक्रवार को मनाया जाता है।

Jamat-ul-Vida 2022 वर्ष में पर्व 29 अप्रैल, शुक्रवार को मनाया जाएगा। मुस्लिम समुदाय में जमात-उल-विदा की नमाज का विशेष महत्व माना गया है। इसको लेकर मान्यता है कि इस दिन पैगम्बर मोहम्मद साहब ने अल्लाह की विशेष इबादत की थी। यही कारण है कि जमात-उल-विदा (Jamat-ul-Vida) के शुक्रवार को बाकी के जुमे के दिनों से ज्यादा महत्वपूर्ण बताया गया है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन जो लोग नमाज पढ़कर अल्लाह की इबादत करेंगे और अपना पूरा दिन मस्जिद में बितायेगें। उसे अल्लाह की विशेष रहमत और बरकत प्राप्त होगी।

इसके अलावा यह भी कहा जाता है कि जमात-उल-विदा के दिन अल्लाह अपने एक फरिश्ते को मस्जिद में भेजता है, जो कि लोगों की नमाज को सुनता है और उन्हें आशीर्वाद देता है। जमात-उल-विदा के दिन लोग साफ-सुधरे कपड़े पहनकर मस्जिद में नमाज अदा करते है और अल्लाह से अपने पापों के लिए क्षमा मांगते है और भविष्य में सही मार्ग दर्शन के लिए दुआ करते है। जमात-उल-विदा के दिन केमहत्व का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि ऐसी मान्यता है इस दिन खुद आसमान, फरिश्ते मुस्लिमों के गम पर रोते है क्योंकि रमजान का यह पवित्र महीना समाप्त होने वाला होता है। इसी कारण है इस्लाम धर्म के अनुयायियों द्वारा जमात-उल-विदा इस पर्व को इतने धूम-धाम के साथ मनाया जाता है।

जमात-उल-विदा कैसे मनाया जाता है | How Jamat ul Vida is celebrated?

इस्लाम धर्म में इस त्योहार को काफी विशेष स्थान प्राप्त है। रमजान महीने के आखिरी शुक्रवार को मनाए जाने वाले जमात-उल-विदा को लेकर माना गया है कि इस दिन जो भी व्यक्ति अपना समय नमाज पढ़ते हुए अल्लाह की प्रार्थना में बिताता है। उस व्यक्ति को अल्लाह की विशेष कृपा प्राप्त होती है और पूरे वर्ष अल्लाह स्वयं उसकी रक्षा करते है। जमात-उल-विदा के पर्व को मनाए जाने का अपना एक विशेष तरीका और रीति-रिवाज हैं। जमात-उल-विदा के दिन मस्जिदों और दरगाहों में काफी संख्या में श्रद्धालु इकठ्ठा होते है। जमात-उल-विदा के दिन को मनाने के लिए मस्जिदों में विशेष तैयारियां की जाती है। जमात-उल-विदा के जुमें के दिन मस्जिदों में काफी भीड़ इकठ्ठा होती है।

रमजान महीने का आखरी दिन है जमात उल विदा (Jamat-ul-Vida)

मुस्लिम पवित्र महीने रमजान के अंतिम जुमे के दिन को जमात उल विदा कहा जाता हैं। रमजान का पूरा महीना रोजों के कारण अपना महत्व रखता है और विशेष रूप से जुमे के दिन की दोपहर के समय की नमाज के कारण यह काफी विशेष है, और सप्ताह का यह दिन रमजान के इस पवित्र महीने के अंत में होता है, इसलिए लोग इसे अति-महत्वपूर्ण मानते हैं। रमजान के आखिरी जुमे के मौके पर मस्जिदों में दोपहर को जुमातुल विदा की नमाज अदा की जाती है। इस नमाज से पहले मस्जिदों के पेश इमाम जुमातुल-विदा का खुत़्बा पढ़ते हैं और नमाज के बाद अमन और खुशहाली की दुआएं मांगी जाती हैं भारत में अधिकतर दरगाहों से जुड़ी कई एक मस्जिदें हैं, इसलिए लोग वहां पर भी नमाज पढ़ते हैं। इनमें सबसे खास है दिल्ली का जामा मस्जिद जहां हजारों की संख्या में लोग जुटते हैं रमजान के आखिरी जुम्मे का नमाज अदा करने।

मुस्लिम समुदाय का खास दिन है जमात-उल-विदा (Jamaat-ul-Vida)

जमात-उल-विदा (Jamaat-ul-Vida) मुस्लिम समुदाय में एक खास दिन है। पाक महीने के आखिरी शुक्रवार यानि जुमें के दिन काफी भीड़ होती है। सभी रोजेदार मिलकर खुदा को याद करते हैं। ऐसे धार्मिक सभा का जिक्र कुरान के 62 वें अध्याय में भी देखने को मिलता है। कई लोग पांच वक्त की नमाज तो पढ़ते ही हैं, लेकिन आखिरी जुमें को खास तौर पर नमाज अदा की जाती है। इसमें नमाजी अल्लाह को याद करते हैं और अपने किए हुए बुरे काम को माफ करने की फरियाद करते हैं। इस दौरान सभी नमाजी अपने दोनों हाथों को उठाते हुए अल्लाह-हू-अकबर बोलते हैं।

List of Monthly Holidays 2022 | Month Wise Government Holidays in 2022

Holidays in January 2022Holidays in February 2022Holidays in March 2022Holidays in April 2022
Holidays in May 2022Holidays in June 2022Holidays in July 2022Holidays in August 2022
Holidays in September 2022Holidays in October 2022Holidays in November 2022Holidays in December 2022

खुशियों का त्यौहार है जमात उल विदा (Jamaat-ul-Vida)

वर्ष 2022 (Jamaat-ul-Vida 2022) में यह पावन त्योहार 29 अप्रैल को है और रमजान के आखिरी जुमें पर ज्यादातर रोजेदार नए कपड़े पहने हुए देखे जा सकते हैं। वे पारंपरिक वेशभूषा में होंगे हैं। इस दौरान वे सिर पर गोल टोपी भी पहनते हैं। सुबह नमाज में शरीक होने से पहले वे घर पर भी कुरान पढ़ते हैं। ऐसी मान्यता है कि जमात-उल-विदा के दिन जो लोग नमाज पढ़कर अल्लाह की इबादत करेंगे और अपना पूरा दिन मस्जिद में बिताएंगे, उन्हें अल्लाह की विशेष रहमत और बरकत प्राप्त होगी।

भाईचारे का पवित्र त्यौहार है जमात उल विदा (Jamaat-ul-Vida)

जमात-उल-विदा (Jamaat-ul-Vida) को बाकी जुमें के दिनों से ज्यादा महत्वपूर्ण माना गया है, लेकिन इन सबसे ऊपर जमात-उल-विदा को भाईचारे का प्रतीक एवं पर्व माना गया है। महीने भर संयम से रोजा रखने के बाद लोग जमात-उल-विदा के दिन को एक-दूसरे के साथ मिलकर खुशियों से मनाते हैं।

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